अर्चना कुमारी। NCERT किताब को सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वाले भी अध्ययन करते हैं जबकि पहली से लेकर बारहवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल होने के चलते इसका काफी महत्व है। लेकिन इसके बावजूद कुछ लोग धड़ल्ले से एनसीईआरटी किताब की अवैध तौर पर छपाई कर मुनाफा कमाने में जुटे हुए हैं। हालत यह है कि बाजारों में बिक रहे एनसीईआरटी किताबों में असली और नकली का भेद करना आसान नहीं होता । फिलहाल दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की स्पेशल इन्वेस्टीगेशन यूनिट ने एनसीईआरटी किताबों की पायरेसी करने वाले एक शातिर को धर दबोचा है और इसकी पहचान मनोज जैन के रूप में हुई है। वह शाहदरा इलाके का रहने वाला है।
पुलिस का कहना है कि एनसीईआरटी किताबों की पायरेसी की जानकारी होने के बाद मंडोली के मेला राम फार्म स्थित प्रिंटिंग प्रेस से पांच हजार पायरेटेड बुक्स, 80 हजार प्रिंटेड शीट्स, 166 मेटालिक प्लेट, दो ऑफसेट प्रिंटिंग प्रेस और भारी मात्रा में एनसीईआरटी वाटर मार्क वाले प्लेन पेपर बरामद किए गए । पुलिस टीम ने छापेमारी कर इसका खुलासा किया।
इसके लिए विजिलेंस ऑफिसर और एनसीईआरटी प्रोडक्शन ऑफिसर के साथ मिलकर पुलिस ने छापेमारी कर वहां से 35 लाख रुपये की पायरेटेड किताबें, प्रिंटेड मैटेरियल और प्लेन पेपर बरामद किया, जबकि रैकेट में शामिल मनोज जैन को गिरफ्तार किया गया । आरोपी पहले एक प्रिंटिंग प्रेस में काम करता था और उसके बाद लगभग सात-आठ साल पहले अपना प्रिंटिंग प्रेस चलाने लगा।
वह जनवरी 2020 से मेला राम फार्म्स में एनसीईआरटी किताबों की छपाई कर रहा था । उसका कहना था कि लॉकडाउन के कारण व्यवसाय में नुकसान हुआ और उसी नुकसान को कवर करने और ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए उसने एनसीईआरटी की पायरेटेड किताबों को छापना शुरू कर दिया। गौरतलब है कि
प्राइवेट स्कूलों में पहले निजी प्रकाशन की महंगी किताबों को खरीदने के लिए छात्रों पर दवाब बनाया जाता था। इसके लिए स्कूलों को मुनाफा मिलता था। शिकायत के बाद सरकार ने सीबीएसई स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबों को अनिवार्य करने का फैसला लिया, जिससे अचानक इसकी मांग में तेजी आ गई। इसके बाद पायरेसी का धंधा पूरे देश में खूब फल फूल रहा है । नोट -एक बार जरूर इस चैनल पर आए, पल-पल की वीडियो देखने के लिए। https://youtube.com/channel/UCEta4qTrhS6DwcYD7quoUGg