श्वेता पुरोहित। वृषभ राशि में भारत की कुंडली का लग्न है.
Interesting fact:
क्या आप जानते हैं कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में ऐसा सिर्फ एक बार और हुआ है?
१९७७ के इमर्जेंसी के बाद के इलेक्शन और २०२४ के इलेक्शन में एक समानता ये है की बृहस्पति दोनों बार भारत की कुंडली के लग्न में यानी वृषभ राशि से गोचर कर रहे हैं. १९७७ के अलावा स्वतंत्र भारत के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ है कि बृहस्पति इलेक्शन के समय वृषभ राशि में हों.
१९७७ में भी लोग सत्तारुढ़ पार्टी से त्रस्त थी और अब भी वही वाली स्थिति है.
बृहस्पति हर १२ वर्षों के बाद वृषभ राशि में आते हैं.
इस बार भी सत्ता पलटने की संभावना बन रही है.