अर्चना कुमारी । विनोद आर्य उत्तराखंड का भाजपा नेता है और उसका बेटा है पुलकित आर्य। आरोप है कि नेता पुत्र ने अपने मैनेजर तथा एक अन्य कर्मी के साथ मिलकर अपने यहां काम करने वाली रिजॉर्ट रिसेप्शनिस्ट की हत्या कर दी। खुलासा हुआ है कि भाजपा नेता का बेटा रिसेप्शनिस्ट से देह व्यापार कराना चाहता था।
इस घटना से उत्तराखंड के लोग सकते में है और स्थानीय लोगों ने इस घटना पर नाराजगी प्रकट करते हुए आरोपियों को फांसी देने की मांग की है। इस बीच अंकिता भंडारी के पोस्टमार्टम की प्राथमिक रिपोर्ट सामने आ गई है। जिसमें अंकिता के शरीर पर चोट के निशान पाए गए हैं। साथ ही अंकिता की मौत पानी में गिर कर दम घुटने की वजह से होने की बात कही गई।
पुलिस का दावा है कि हत्या के आरोप में पुलकित आर्य समेत तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और दोषियों को कानून सम्मत धाराओं में सख्त से सख्त सजा दिलाई जाएगी। इस बीच भारी विरोध के बीच अंकिता का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस मसले पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमने अपनी बेटी अंकिता खोई है तो लोगो का आक्रोश स्वाभावित है , अंकिता के पिता को सेल्यूट करता हूँ।
वहीं, इससे पहले अंकिता की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर नाराज लोगों ने बदरीनाथ-ऋषिकेश हाईवे को जाम कर दिया। पुलिस सूत्रों का कहना है कि मुख्य आरोपी भाजपा नेता के बेटे पुलकित आर्य और अन्य दो आरोपी अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर है । इन तीनों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया और उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
दरअसल यह मामला तब उजागर हुआ जब अंकिता भंडारी नामक महिला रिसेप्शनिस्ट का शव बरामद किया गया। उत्तराखंड पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपियों ने लड़की से विवाद के बाद उसे चिल्ला रोड के पास नहर में धकेल दिया था। आरोपियों में मुख्य पुलकित आर्य, वनंतरा रिजॉर्ट का मालिक है और उसी के रेस्टोरेंट में अंकिता भंडारी नामक रिसेप्शनिस्ट काम करती थी। पुलकित के पिता विनोद आर्य उत्तराखंड सरकार में राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। वनंतरा रिजॉर्ट का मालिक पुलकित आर्य मुख्य आरोपी है।
आरोप है कि वह पीड़िता पर तरह-तरह के दबाव डाल रहा था और जब उसने मना कर दिया तो उसकी प्लानिंग के साथ हत्या कर दी गई। मामला वेश्यावृत्ति और देह व्यापार से जुड़ा हुआ है ,इस वजह से पुलिस इस बारे में ज्यादा खुलासा करने से बच रही है लेकिन सूत्रों का दावा है कि भाजपा नेता का बेटा इस घटना का मुख्य सूत्रधार है। पुलकित के पिता विनोद आर्य वर्तमान में भाजपा ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं, हालांकि मामला उजागर होने के बाद भाजपा से उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई है। विनोद आर्य, यूपी के सह प्रभारी हैं और पूर्व राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। वहीं विनोद आर्य के दूसरे बेटे अंकित आर्य राज्य मंत्री हैं।
वह वर्तमान में उत्तराखंड ओबीसी कल्याण आयोग के उपाध्यक्ष हैं और अब उन्हें भी पद से हटा दिया गया है। भाजपा में विनोद आर्य का कद रसूखदार का था लेकिन उनके बेटे पुलकित आर्य का विवादों से पुराना नाता रहा है। साल 2016 में पुलकित का नाम उत्तराखंड आयुष प्री मेडिकल टेस्ट के बाद एडमिशन विवाद में सामने आया था। जिसमें एक मुकदमा भी कायम हुआ था। उस पर आरोप था कि उसने धांधली के दम पर एडमिशन लिया था।
लेकिन रिसेप्शनिस्ट की हत्या को लेकर बेटे के फसने पर विनोद आर्य ने उसका बचाव किया और बेटे को निर्दोष बताया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की बात कही है जबकि लड़की के पिता समेत अन्य लोगों का कहना है कि सबूत मिटाने के लिए आनन-फानन में उत्तराखंड पुलिस ने रिजॉर्ट पर आधी रात को बुलडोजर चला दिया। घटना के बारे में बताया जाता है कि अंकिता भंडारी की गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलकित आर्या ने पुलिस में दी थी ।
ताकि उस पर हत्या का शक किसी को ना हो। फिलहाल, वह 19 वर्षीय होटल रिसेप्शनिस्ट की हत्या का मुख्य आरोपी है। पुलिस ने बताया कि गुमशुदगी की शिकायत के आधार पर तीन दिन बाद 21 सितंबर को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस ने कहा कि रिजॉर्ट मालिक और अन्य दो आरोपी लड़की के लापता होने के दिन से ही फरार चल रहे थे। लेकिन उन्हें बाद में पकड़ा गया और स्थानीय लोगों ने पुलिस की मौजूदगी में उनकी पिटाई भी कर दी जबकि एसएसपी पौड़ी गढ़वाल ने कहा, आरोपियों के खिलाफ हत्या और सबूत छिपाने, आईपीसी की धारा 302 और 201 की धाराएं लगाई गई हैं।
उत्तराखंड पुलिस सूत्रों का स्पष्ट कहना है कि अंकिता भंडारी हत्याकांड कि जांच के दौरान पता चला है कि रिजॉर्ट का मालिक पुलकित आर्य न सिर्फ अंकिता भंडारी पर ग्राहकों के साथ गलत काम करने के लिए दबाव बना रहा था, बल्कि पुलकित आर्य ने अंकिता भंडारी पर अपने भाई अंकित आर्य को भी स्पेशल सर्विस देने के लिए दबाव बनाया था। अंकिता द्वारा इनकार किए जाने पर उसकी मालिक से कहासुनी हुई और मालिक ने दो सहयोगियों के साथ मिलकर सोची समझी साजिश के तहत हत्या कर दी गई ।
लड़की के पिता वीरेंद्र भंडारी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने आधी रात बुलडोजर चलाकर सबूतों के साथ छेड़छाड़ किया है। उन्होंने कहा कि जो पीएम रिपोर्ट आई है, उससे मैं संतुष्ट नहीं हूं। उनका यह भी कहना था कि अंकिता का केस फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए दोषियों को फांसी की सजा दी जाए। अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद उत्तराखंड की राजनीति अचानक गरमा गई है और विपक्ष के नेताओं ने पीड़ित परिवार से मिलकर उनके साथ सहानुभूति प्रकट की है ।
वैसे पुलिस सूत्रों का मानना है कि अंकिता भंडारी मर्डर केस में आरोपियों को सख्त सजा सरकार दिलाने के लिए प्रयास कर रही है जबकि क्रिमिनल मामलों के विशेषज्ञों के अनुसार अंकिता केस मजबूत है। रिजार्ट पर बुल्डोजर चलाने से केस पर कोई फर्क नहीं पङेगा हालांकि आनन-फानन में बुलडोजर क्यों चलाया गया यह समझ से परे है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि क्राइम सीन रिजार्ट में नहीं है। धारा 27 के तहत आरोपियों की निशानदेही पर बॉडी रिकवरी की गई है। किसी और ने बताया नहीं, आरोपियों ने बताया है। यह अपने आप में बड़ा सबूत है। यदि बॉडी नहीं मिलती तो केस कमजोर होता। वह रिजार्ट में नौकरी करती थी। फोन काल्स और चैट की डिटेल से भी इलेक्ट्रानिक साक्ष्य मिल जाएंगे।
पुलिस ने रिजार्ट पहले ही छान मारा था। ऐसे में बुल्डोजर चलाने या आग लगने से केस पर कोई फर्क नहीं पडेगा क्योंकि घटना तो नहर पर घटी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से तय हो जाएगा। इस बीच प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अंकिता के शरीर पर चोट के निशान मिले हैं और पानी में डूबने से मौत दिखाई है। संभवत अंकिता के साथ मारपीट की गयी और फिर उसे नहर में धकेल दिया गया। एसआईटी गठित हो चुकी है और मामले की जांच में जुटी पी. रेणुका की छवि एक कुशल और ईमानदार अफसर की है।