अर्चना कुमारी देश विरोधी नारे से चर्चित हुए जेएनयू कैंपस में एक बार फिर गुरुवार रात हिंसा हुई। देर रात में स्कूल आफ लैंग्वेज में जनरल बॉडी मीटिंग के दौरान लेफ्ट और राइट विंग के छात्रों के बीच में जमकर मारपीट और खूनी झड़प हुआ।
मौके पर खूब लात घुसे चले, तो एक दूसरे ने लाठी डंडे चलाए। किसी ने साइकिल उठाकर फेंका तो कोई पत्थर चलाई। देर रात तक दोनों दल के छात्रों के बीच हिंसा की स्थिति बनी रही।
इसके बाद दोनों ही छात्र दल एक दूसरे पर हिंसा करने का आरोप लगा रहे हैं। लेफ्ट विंग छात्र इस पूरे मामले को एबीवीपी छात्रों की गुंडागर्दी बता रहे हैं। वही राइट विंग छात्र कैंपस में इसे नक्सली अटैक बोल रहे हैं।
सफदरजंग अस्पताल में तीन छात्राएं भी इलाज के लिए पहुंची है। जिन्हे चोट लगी। इनमे अन्वेषा, मधुरमा और शौर्य शामिल है।
ज्ञात हो जेएनयू कैंपस में छात्र संघ के चुनाव की तैयारी चार साल बाद शुरू हो रही है। इसके लिए दोनों ही छात्र यूनियन तैयारी कर रहे है। लेफ्ट विंग और राइट में मुकावला है।
दोनो गुट के उम्मीदवार के बीच चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो पाई है। लेकिन शुरुआत से ही जिस तरह दोनों दल के छात्रों के बीच हिंसा की तस्वीर आ रही है। इससे साफ है कि कैंपस में शांति माहौल में चुनाव करना संभव नहीं है।
जिस तरह स्कूल आफ लैंग्वेज में जनरल बॉडी मीटिंग के दौरान मारपीट हुई है उससे तो यही लग रहा है। जिस दौरान कैंपस में मारपीट हो रहा था, हंगामा हो रहा था।
जेएनयू कैंपस में तैनात सिक्योरिटी गार्ड सिर्फ मुक दर्शक ही बने रहे, उनकी कुछ नहीं चली।जेएनयू प्रशासन तो हमेशा से चुप्पी बनाई हुई है। मारपीट के दौरान भी छात्र और छात्राएं एक दूसरे को आवाज लगाकर बचने के लिए कह रही थी। जो स्टूडेंट हमला कर रहे थे उसे ऐसा करने से भी मना कर रही थी। लेकिन इसका कोई असर नहीं दिख रहा था।
इस मामले में डीसीपी साउथ वेस्ट रोहित मीणा ने जानकारी देते हुए बताया कि देर रात समय 1:15 बजे के आसपास पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना मिली थी।
जेएनयू कैंपस के अंदर जीबीएम के दौरान छात्र आपस में भिड़े हैं। पुलिस को कई शिकायत मिली है, जिसके आधार पर मामले की छानबीन करके लीगल कार्रवाई की जा रही है।पुलिस मामला भी दर्ज करने में समय ले रही। इससे उपद्रव करने वालो का हौसला बुलंद है।