अर्चना कुमारी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को बार-बार पैरोल दिए जाने के मामले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने नाराजगी प्रकट करते हुए सख्ती दिखाई है।
अदालत ने आदेश दिया है कि आगे से राम रहीम को अदालत से बिना पूछे पैरोल ना दी जाए। इसके साथ हाईकोर्ट ने यह भी पूछा कि अब तक और कितने लोगों को इस तरह का पैरोल दिया गया है।
सनद रहे दस मार्च को राम रहीम की पैरोल समाप्त हो रही है और उस दिन डेरा मुखी को सरेंडर करने को कहा गया है।अदालत ने कहा है कि मामले की अगली सुनवाई पर जानकारी दी जाए।
दरअसल, एसजीपीसी ने राम रहीम को दी जा रही पैरोल को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। एसजीपीसी का कहना था राम रहीम के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। इनमे राम रहीम को दोषी करार देकर सजा भी सुनाई जा चुकी है।
इसके बाद भी हरियाणा सरकार राम रहीम को पैरोल दिए जा रही है जो पूरी गलत है।इसलिए डेरा प्रमुख राम रहीम को दी गई पैरोल को खारिज की जाएं। बता दे
19 जनवरी को बलात्कार और हत्या के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को 50 दिन की पैरोल दी गई थी। इससे पहले राम रहीम को साल 2023 नवंबर में 21 दिन की पैरोल दी गई थी।
इसके बाद हरियाणा के रोहतक जिले की सुनारिया जेल से बाहर आए थे। राम रहीम साल 2023 में जेल से यह तीसरी अस्थायी रिहाई थी।इससे पहले डेरा प्रमुख सुनारिया जेल से 30 जुलाई को 30 दिन की पैरोल पर बाहर आए थे।
इससे पहले 40 दिन की पैरोल जनवरी में दी गई थी। इसके अलावा डेरा प्रमुख को 2022 में भी उन्हें 40 दिन की पैरोल दी गई थी। अक्टूबर की पैरोल से पहले, वह पिछले साल जून में एक महीने की पैरोल पर जेल से बाहर आए थे। इसके अलावा, उन्हें 7 फरवरी, 2022 से तीन सप्ताह की पैरोल दी गई थी।
ज्ञात हो अपनी दो शिष्याओं से बलात्कार के आरोप में राम रहीम सिंह 20 साल की जेल की सजा काट रहा है। साल 2021 में डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या की साजिश रचने के लिए डेरा प्रमुख को दोषी ठहराया गया था। डेरा प्रमुख और तीन अन्य को 16 साल से अधिक समय पहले एक पत्रकार की हत्या के लिए 2019 में दोषी ठहराया गया था।