अर्चना कुमारी देहरादून से आनंद विहार जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में एक पैसेंजर को फंगस लगा हुआ दही दिया गया। वैसे भी ट्रेनों में दिया जाने वाला खाना की गुणवत्ता अभी तक नही सुधरी है।
जबकि दावा किया जाता है, ट्रेनों को अत्याधुनिक बनाने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। वंदे भारत जैसी हाई स्पीड ट्रेन जिसे मोदी सरकार अपनी बहुत बड़ी उपलब्धि बताती है।
उस ट्रेन के अंदर मिलने वाले खाने को लेकर पैसेंजर्स हमेशा से शिकायत करते आ रहे हैं। इसके अलावा राजधानी और सभी ट्रेनों में भोजन का उत्तम उपाय नहीं है।
ऐसा ही कुछ देहरादून से आनंद विहार आ रहे एक पैसेंजर के साथ हुआ, जब उन्हें वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में फंगस लगा हुआ दही परोस दिया गया।
इस बारे में यात्री हर्षद टोपकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर रेल मंत्रालय, उत्तर रेलवे और अश्विनी वैष्णव को टैग करते हुए बताया कि उन्होंने एक्जीक्यूटिव क्लास में देहरादून से आनंद विहार तक वंदे भारत एक्सप्रेस में यात्रा की।
उन्हें ट्रेन में जो खाना परोसा गया। उसमें अमूल दही में हरे रंग की परत पाई गई । ये शायद फंगस की परत है। टोपकर ने कहा कि वंदे भारत से ऐसी सर्विस की उम्मीद नहीं थी।
इस पर शिकायत पर तुरंत एक्शन लेते हुए रेलवे सेवा ने रिप्लाई किया। रेलसेवा ने आईआरसीटीसी को टैग करते हुए पैसेंजर से उनका पीएनआर और मोबाइल नंबर की जानकारी मांगी थी। टोपकर ने आईआरसीटीसी को ये सभी जानकारी भी दे दिया। लेकिन क्या पीएनआर लेने के बाद क्या कारवाई हुई वो देखिए। मामले पर रिप्लाई करते हुए आईआरसीटीसी ने भी खेद जताया।
आईआरसीटीसी ने कहा, “सर, असुविधा के लिए हमें हार्दिक खेद है और मामले पर तुरंत ऑनबोर्ड सुपरवाइजर ने ध्यान दिया और दही को तुरंत बदल दिया। इसके अलावा, दही पैक की एक्सपायरी डेट खत्म नहीं हुई थी।
इस मुद्दे को निर्माता के समक्ष उठाया जा रहा। मतलब एक एजेंसी ने दूसरे पर लापरवाही का ठीकरा फोड़ दिया और जिम्मेवारी से साफ बच गए। उस यात्री क्या जो रोजाना ट्रेनों में सफर करते है।
दावा किया जाता है कि उसे वंदे भारत या अन्य ट्रेन में ऐसा खाना मिला मिलता है जो खाकर कोई भी बीमार पड़ सकता है।इस मामले में सोशल मीडिया में रेलवे की आलोचना हो रहा। यात्री बोल रहे रेलवे का खाना मत खाओ। तभी जिंदगी बचेगी।