अर्चना कुमारी । यह देश की राजधानी है ,जहां पर एक हिंदू नाबालिग किशोर को चाकू से गोद डाला गया। विवेक नामक किशोर के शरीर के करीब 18 जगहों पर चाकू मारे गए , जिससे उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। हैरत की बात तो यह है कि पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया लेकिन दोनों जमानत मिलने के बाद खुलेआम घूम रहे हैं और आरोप है कि दोनों अब पीड़ित परिवार को धमका रहे हैं।
पुलिस का दावा है कि दोनों आरोपी नाबालिग है ,इस वजह से उन्हें जमानत मिल गई। पुलिस पर भी आरोप है कि वह पीड़ित परिवार को लगातार दवाब दे रही है कि वह इस मामले को मीडिया में ना ले जाए लेकिन पुलिस यह नहीं बता पा रही की हत्या के प्रयास जैसे गंभीर मामले में कैसे आरोपियों को खुला छोड़ दिया गया।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि गोकुलपुरी थाना अंतर्गत भागीरथ बिहार में गेंदा लाल का परिवार रहता है। वह सिलाई का काम करते हैं और उनके परिवार में पांच बेटे बेटियां हैं। इनमें से विवेक बेटों में सबसे छोटा है। उनके अनुसार सोमवार की रात को विवेक किसी काम के सिलसिले में घर से निकला था और इसी दौरान उसने देखा कि भागीरथी विहार की गली नंबर 10 में कुछ लड़के आपस में झगड़ रहे हैं।
नजदीक जाने पर विवेक को पता चला कि हमलावर उसके एक दोस्त को पीट रहे हैं ,इस पर उसने वहां पहुंचकर बीच-बचाव कर दिया, जिसके बाद हमलावरों ने उस पर चाकू से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। उसके चेहरे ,आंख ,गर्दन के पिछले हिस्से तथा शरीर पर कई जगह चाकू लगी और वह जमीन पर बेहोश होकर गिर पड़ा। शोरगुल होने पर गेंदा लाल का परिवार भी वहां पहुंचा, जो विवेक को पहले तो एक निजी अस्पताल ले गया लेकिन बाद में उसे ज़ी टीवी अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया ।
इस अस्पताल में भी जब भी हालत नहीं सुधरी तब उसे राम मनोहर लोहिया में उपचार कराया गया, जहां उसकी हालत गंभीर लेकिन स्थिर बनी हुई है। अब उसे उपचार परंतु छुट्टी दे दी गई है जिसके बाद वह अपने घर पर मौजूद है। भागीरथी विहार गोकलपुरी का एक ऐसा इलाका है जहां पर मुस्लिमों की चारों तरफ आबादी है और बहुत कम संख्या में हिंदू लोग रहते हैं। यहां पर करीब 2 साल पहले भीषण दंगे हुए थे जिससे यह इलाका सुर्खियों में आया था। गेंदा लाल का परिवार भी गली नंबर 6 में रहता है और वह इस घटना के बाद से डरे हुए हैं।
उनका कहना है कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि दिल्ली पुलिस ने इस मामले में अब तक क्यों लापरवाही बरत रही है जबकि दोनों आरोपी खुलेआम उन लोगों को धमका रहे हैं। आस-पड़ोस रहने वाले हिंदू लोगों का कहना था कि जिस तालिबानी अंदाज में हिंदू किशोर को अगवा किया और फिर उन्हें चाकू मारे उससे समझ ही नहीं आ रहा कि वह भारत में रहते हैं या पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान में । इन लोगों का कहना था कि जिहादियों ने इलाके में आतंक का माहौल कर रखा है और पुलिस की सुरक्षा ना के बराबर होती है।
पूरे इलाके में मीट की दुकाने है, इसके इलावा, पीड़ित का घर मस्जिद के साथ सटा हुआ है, जिसके चलते उनका यहां रहना दूभर हो गया है। विवेक के एक रिश्तेदार ने बताया कि विवेक को एक साजिश के तहत मारने की कोशिश की गई। करीब 3 महीने पुराने मामले को लेकर उसे टारगेट किया गया था जिससे उसका कोई लेना-देना नहीं था। उनके अनुसार विवेक पढ़ाई करता है और अपने भरण-पोषण के लिए नौकरी भी करता है। उसने पुलिस प्रशासन से आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की है ताकि पीड़ित परिवार को इंसाफ मिल पाए।
विवेक के भाई ने बताया कि विवेक महज 17 साल 10 महीने का है और जब पीड़ित नाबालिग है तो उसे भी इंसाफ मिलना चाहिए क्योंकि पुलिस ने अपराधियों को नाबालिग बता दिया जबकि दोनों ने उसके भाई के जान लेने की कोशिश की है। उसने दोनों आरोपियों की उम्र के बारे में गहनता से जांच करने की मांग पुलिस प्रशासन से की है