अर्चना कुमारी । नेटप्लिक्स पर वेब सीरीज ‘खाकी : द बिहार चैप्टर’ से चर्चा में आए आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा निलंबित कर दिए गए हैं और उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी के तौर पर चर्चित अमित लोढ़ा पर सरकारी सेवा में रहते हुए व्यावसायिक गतिविधियां चलाने का आरोप लगाया गया ।
1998 बैच के आईपीएस अधिकारी पर आरोप है कि उन्होंने ऑनलाइन प्लेटफार्म नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज के लिए फ्राइडे स्टोरी टेलर प्राइवेट लिमिटेड के साथ व्यावसायिक समझौते किए और इस एवज में उन्हें लगभग 50 लाख रुपये की अवैध कमाई हुई । इस तरह की शिकायत को लेकर जांच करने पर भ्रष्टाचार के आरोप सही पाए गए ।
जिसके बाद सात दिसंबर को विशेष सतर्कता इकाई ने उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता 120B और 168 के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और अब इस मामले की जांच वरिष्ठ अधिकारियों के देखरेख में की जाएगी। आगे की जांच पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी द्वारा की जाएगी गौरतलब है कि अमित लोढ़ा को उनके पुलिस करियर में कई ऑपरेशनों के लिए प्रतिष्ठित राष्ट्रपति के पुलिस पदक, वीरता के लिए पुलिस पदक और आंतरिक सुरक्षा पदक से सम्मानित किया जा चुका है और वह एक चर्चित अधिकारी रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि यह सारा विवाद तब शुरू हुआ जब नेटफ्लिक्स पर 25 नवंबर को एक ‘खाकी’ द बिहार चैप्टर रिलीज की गई थी और इन दिनों अमित लोढ़ा मगध रेंज के तत्कालीन आईजी पद पर तैनात है। विशेष सतर्कता इकाई ने अपनी जांच में कहा है कि वह अभी भी एक सेवारत आईपीएस अधिकारी हैं और एक स्थापित लेखक नहीं हैं, इसलिए वह वेब सीरीज के लिए किसी फर्म के साथ करार नहीं कर सकते।
अनुसंधान में अमित लोढ़ा पर सौदे से 12 लाख रुपये प्राप्त करने का आरोप लगाया गया है , जबकि 38.25 लाख रुपये उनकी पत्नी कौमीदी के खाते में जमा किए गए थे। अमित लोढ़ा के खिलाफ दर्ज हुई प्राथमिकी में कहा गया है कि अवैध रूप से अर्जित धन के लेन-देन को सुविधाजनक बनाने के लिए फर्म और कौमिडी के बीच एक समझौता हुआ था। इस पर अमित लोढा ने आरोपों के बाद ट्वीट किया, कभी-कभी जीवन आपको सबसे कठिन चुनौतियों का सामना कर सकता है, खासकर जब आप सही होते हैं।इस दौरान आपके चरित्र की ताकत दिखाई देती है ,विजयी होने के लिए आपकी प्रार्थना और समर्थन की आवश्यकता है।
सनद रहे कि मूल तौर पर राजस्थान के रहने वाले तथा जयपुर में जन्मे अमित लोढ़ा ने IIT दिल्ली में पढ़ाई की और आईआईटी दिल्ली से इंजीनिरिंग किए जाने के बाद आईपीएस अधिकारी बन गए थे। अमित तकरीबन 14 साल तक बिहार में पोस्टेड रहे। उनकी पॉपुलैरिटी इतनी बढ़ गई कि वह उन्हें ‘सुपरकॉप’ कहने लगे।
बिहार के शेखपुरा में तैनाती के दौरान उन्होंने खूब वाहवाही तब बटोरी जब शेखपुरा के महतो गिरोह (पिंटू महतो, अशोक महतो) को काबू किया। खाकी: द बिहार चैप्टर’ में दो पक्षों के बीच हुए झगड़े की कहानी बताई गई है।सीरीज में एक तरफ खूंखार गिरोह का सरगना चंदन महतो रहता है और दूसरी तरफ भयंकर ईमानदार भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी अमित लोढ़ा।सीरीज में दिखाया गया है कि कैसे अमित अपनी समझदारी से शहर के खूंखार गैंगस्टर चंदन महतो को पकड़ लेते हैं।
48 वर्षीय आईपीएस अधिकारी की किताब बिहार डायरीज (2018) से भी उन्होंने खूब चर्चा बटोरी जिस पर नेटफ्लिक्स ने सीरीज प्रसारित की है । बताया जाता है कि यह किताब नेटफ्लिक्स सीरीज़, खाकी द बिहार चैप्टर की प्रेरणा है। इसी तरह उनकी दूसरी किताब 2021 में प्रकाशित लाइफ इन द यूनिफॉर्म है, जहां उन्होंने यूपीएससी की अपनी यात्रा के बारे में बताया है। सूत्रों का कहना है कि अमित पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने सरकारी पद पर रहते हुए कथित तौर पर नेटफ्लिक्स के साथ व्यावसायिक समझौता किया , जो अनुचित था और उनके खिलाफ शिकायत को सही पाते हुए विशेष सतर्कता यूनिट ने प्राथमिकी भी दर्ज की ।
सतर्कता इकाई का साफ कहना था कि अधिकारी के रूप में सेवा करते हुए अमित ने एक निजी फर्म के साथ सौदा किया। उन्होंने कथित तौर पर एक फर्म के साथ कॉन्ट्रेक्ट पर साइन किया, जिसके तहत फर्म वित्तीय लाभ के बदले में उनकी पुस्तक पर वेब सीरीज बनाएगी। अमित, एक स्थापित कहानीकार नहीं हैं। उन्हें न ही किताब लिखने और व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए इसका इस्तेमाल करने के लिए अधिकृत किया गया था।