अर्चना कुमारी । हल्द्वानी में दंगाइयों ने खूब उपद्रव किया। उसके निशाने पर पुलिस वाले थे, जिन्हे जिंदा जलाने की कोशिश की गई। उत्तेजित भीड़ हिंदुओ को काफिर बताते तलाश रही थी।
शायद भीड़ के निशाने पर हर वो इंसान था, जो मुस्लिम नहीं था। इसी के चलते दंगाइयों ने मासूम अजय को भी गोली मार दी, जो कूड़ा बीनता था और उससे मिले पैसों से अपने घर को चलाने में माँ की मदद करता था। उसकी माँ ने रोते हुए कहा उसके बेटे को क्यों मारा। उसकी गलती क्या थी। वायरल हुए वीडियो में वो पूछ रही हैं कि आखिर उनके बेटे की गलती क्या है। जो उसे गोली मार दी गई। घटना के वक्त अजय दवा लेने जा रहा था, जब उसे गोली मारी गई।
बताया जाता है अतिक्रमण विरोधी अभियान चला रही नगर निगम और पुलिसकर्मियों पर अचानक पथराव हुआ था। इसके बाद टीम पर पेट्रोल बम से हमला किया गया, तो इस्लामिक कट्टरपंथियों की भीड़ ने थाने को घेरकर गाड़ियों को आग लगा दी और थाने को आग के हवाले कर दिया। इस दौरान हिंसा में छह लोगों की मौत भी हो गई है, वहीं, तीन सौ से अधिक लोग घायल हो गए हैं।
घायलों में प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा 200 से अधिक पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।एक अधिकारी ने बताया पुलिस वालों को ज़िंदा जलाने की कोशिश की गई थी। कई पुलिसकर्मी जख्मी हुए और उनका उपचार किया जा रहा है। दंगाइयों ने कबाड़ का कारोबार करने वाले अजय नाम के शख्स को भी गोली मार दी। अस्पताल में उसका भी इलाज चल रहा है।गोली अजय के प्राइवेट पार्ट में लगी है और पीछे से चीर कर पार हो गई है। सरकारी खर्च से अजय का इलाज चल रहा है। अजय नगर निगम की गाड़ी में कूड़े का कारोबार करते थे। 22-23 वर्ष उनकी उम्र थी। उनकी शादी को दो साल हुए हैं, उनका एक बच्चा भी है।
डॉ सिद्धार्थ पांडेय अजय का इलाज कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अजय के शरीर में गोली लग कर डैमेज कर के बाहर निकल गई। उनके शरीर में पेशाब का थैला फट गया था और किडनी से जो पाइप आता है वो भी फट गया था। आँतों के पास सूजन था, वहाँ इकट्ठे खून को भी निकाला गया। बनभूलपुरा में हुई इस हिंसा के बाद वहां कर्फ्यू लगा दिया गया है और इंटरनेट सेवाएं भी सस्पेंड कर दी गई है जबकि इस हिंसा के बाद पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी किया गया है।
नैनीताल की डीएम वंदना सिंह ने कहा कि साजिश के तहत पुलिस टीम पर हमला किया गया है और पुलिस वालों को थाने में जिंदा जलाने की कोशिश की गई थी। ‘भीड़ ने थाने को घेर लिया और थाने के अंदर मौजूद लोगों को बाहर नहीं आने दिया गया था। उन पर पहले पथराव किया गया और फिर पेट्रोल बम से हमला किया गया। थाने के बाहर वाहनों में आग लगा दी गई। अब पूरे मामले की जांच की जा रही है और दोषियों को बक्शा नही जाएगा