अर्चना कुमारी। केरल पॉस्को कोर्ट एर्नाकुलम सत्र अदालत ने अलुवा में पांच वर्षीय मासूम के साथ रेप और हत्या के लिए मामले में दोषी अशफाक आलम को मौत की सजा सुनाई । ज्ञात हो दोषी आशफाक आलम ने मूल तौर पर बिहार की 5 साल की मासूम के साथ पहले तो दरिंदगी की, फिर निर्मम उसकी हत्या कर दी थी।
बता दें कि अदालत ने यह बड़ा फैसला बाल दिवस के दिन और पॉस्को अधिनियम की 11वीं वर्षगांठ पर सुनाया है।मामला यह है की इसी साल जुलाई महीने में प्रवासी मजूदर अशफाक आलम ने एक पांच वर्षीय मासूम का अपहरण कर उसके साथ यौन शोषण किया, फिर उसकी हत्या कर दी थी। इसके बाद दोषी ने बच्ची के शव को अलुवा के एक स्थानीय बाजार के पीछे एक दलदली जगह में फेंक दिया था।
इस मामले में केरल पुलिस ने आलम पर पास्को अधिनियम और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत गंभीर यौन उत्पीड़न, बलात्कार और हत्या सहित 16 आरोपों में मामला दर्ज किया था। सनद रहे 4 नवंबर को स्पेशल पॉस्को कोर्ट ने आलम को सभी 16 आरोपों में दोषी करार दिया था। मंगलवार को जज के सोमन ने इस मामले में सजा सुनाते हुए आरोपी को मौत की सजा सुनाई ।
उसे आईपीसी की धारा 302, 376ए और 297 के तहत दोषी ठहराया गया। खास बात ये रही कि पांच साल की बच्ची से रेप और हत्या के दोषी अशफाक आलम को घटना के ठीक 110 दिन बाद मौत की सजा सुनाई गई। मामले की फास्ट्र ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसके तहत 30 दिन में जांच पूरी हुई और अगले 60 दिन में ट्रायल हुआ।
पुलिस का कहना है वहशी दरिंदा अशफाक पहले भी बच्चियों से छेड़छाड़ कर चुका था। पांच साल पहले साल 2018 में उसे पोक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था। जिसमें एक महीने तक जेल में रहा था। बाद में उसे जमानत मिल गई। उस दौरान उसने जिस बच्ची के साथ छेड़छाड़ की थी वो बच्ची भी 10 साल की और कक्षा 5 की छात्रा थी। इस फैसले का स्वागत किया जा रहा है।