अर्चना कुमारी। दिल्ली में एक मंदिर के सामने भैंसे का कटा सिर पाए जाने के बाद इलाके में तनाव व्याप्त हो गया। पुलिस ने आमजनों से अपील की है कि इलाके में शांति कायम रखे और अफवाह से बचे। पुलिस का कहना है कि त्वरित कारवाई करते हुए दो लोगों को धर दबोचा गया। इनमें एक नाबालिग शामिल है।
पुलिस ने बताया कि इस बारे में शुक्रवार शाम लगभग 5:30 बजे एक व्यक्ति ने वेलकम पुलिस स्टेशन को फोन पर सूचना दी कि वेस्ट गोरखपार्क के नाला रोड स्थित मंदिर के बाहर कटा हुआ पशु का सिर पड़ा है। इसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुँची और कटे सिर को मंदिर के सामने से हटाया और अपने कब्जे में ले लिया। इस बारे में एक वीडियो वायरल हुआ , जिसमें नज़र आ रहा है कि नमाजी टोपी पहने एक व्यक्ति समेत दो लोग स्कूटी से आते हैं और पशु के कटे सिर को फेंककर चल देते हैं।
जहां सिर को फेंका गया, वहां से कुछ दूरी पर मंदिर है। इस मामले में पुलिस ने फुटेज से मिले सुराग के अधार पर कारवाई करते हुए दोनों आरोपियों अजीम (27) और 16 वर्षीय एक लड़के को पकड़ लिया है। उन्होंने बताया कि स्कूटी नाबालिग चला रहा था, जो उसके पिता के नाम पर पंजीकृत है जबकि दूसरा आरोपी खुद को मानसिक तौर पर बीमार बताया है।
जांच में पता चला है कि पांच परिवारों ने मिलकर बकरीद के अवसर पर पशु की कुबार्नी दी थी। इसके बाद दोनो अपने परिजनों को मौजपुर में सिर फेंके जाने की बात कहकर घर से निकले थे लेकिन उनलोगों ने सिर को वेलकम इलाके में फेंक दिया। हालांकि वह दोनो सिर के स्कूटी से गिर जाने की बात कह रहे है, उनका यहां पर सिर फेंकने का मकसद क्या था, इस बारे में छानबीन चल रही है। दरअसल, वेलकम इलाके में एक मंदिर के बाहर शुक्रवार को भैंस का कटा हुआ सिर पड़ा मिला था। जिसके बाद हिंदू समुदाय के लोग उत्तेजित हो गए थे और उनलोगों ने दूसरे समुदाय पर माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया था।
इस तनाव के मद्देनज़र पुलिस उपायुक्त जॉय टिर्की ने लोगों से शांति बनाए रखने का अनुरोध किया और इलाके में अतिरिक्त पुलिस बलों की तैनाती की गई। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा, आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देना), 295 ए (किसी भी वर्ग की धार्मिंक भावनाओं को अपमानित करने के मकसद से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य करना) के तहत केस दर्ज किया है।