अर्चना कुमारी। असम में मुस्लिम बाल विवाह का प्रचलन जोर शोर से चल रहा है और इस पर नकेल कसने के लिए सरकार ने कड़ा कदम उठाया है। इसके विरोध में जब मुस्लिम समुदाय के लोग सड़क पर उतरे तब करीब 2,000 से अधिक लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया । बताया जाता है कि मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा के देखरेख में असम में बाल विवाह को लेकर सरकार की बड़ी कार्यवाही की जा रही है और इसके खिलाफ महिलाओं का विरोध प्रदर्शन सामने आया ।
असम के कई जिले हैं ,जहां पर सरकार के इस फैसले का विरोध किया जा रहा है लेकिन सरकार का कहना है कि बाल विवाह पर हरसंभव रोक लगाई जाएगी। असम के धुबरी जिले के तमरहाट थाने के सामने बड़ी संख्या में महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया और बाद में इस भीड़ को हटाने के लिए सुरक्षाकर्मियों को लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा। झगड़े के दौरान सीआरपीएफ का एक जवान घायल हो गया।
सूत्र बताते हैं कि जब से केंद्र सरकार ने लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल से 21 साल कर दी है ,उस समय से मुस्लिमों में खासा बेचैनी है और वे लोग सरकार के आदेश को चुनौती देते हुए बड़ी संख्या में बाल विवाह करने को आमादा है लेकिन असम सरकार इस पर रोक लगाने के लिए कमर कस कर बैठी है। मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि आने वाले दिनों में राज्य में बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव तक जारी रहेगा जबकि इस गंभीर मामले को लेकर राज्य पुलिस का कहना है कि विरोध प्रदर्शन को लोकतांत्रिक तरीके से करना होगा और शांति भंग करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
धुबरी जिले की पुलिस अधीक्षक अपर्णा एन ने कहा, थाने के बाहर प्रदर्शन कर रही महिलाओं में से किसी के घायल होने की कोई सूचना नहीं है, स्थिति अब कंट्रोल में है। गौरतलब है कि असम पुलिस ने बाल विवाह से जुड़े मामलों में अब तक राज्य भर में 2258 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस बारे में बताते हुए असम पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) जीपी सिंह ने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों में 52 पुजारी और बाल विवाह में काजी शामिल हैं। उनका कहना था कि ‘सबसे ज्यादा लोगों को धुबरी, बारपेटा, कोकराझार और विश्वनाथ जिलों से गिरफ्तार किया गया ।
डीजीपी सिंह ने आगे बताया कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पुलिस को जांच करने का निर्देश दिया था क्योंकि उन्हें इनपुट मिले थे कि राज्य में बाल विवाह बड़े पैमाने पर हो रहा है और इस पर पुलिस के द्वारा कार्यवाही की गई तब महिलाएं सड़क पर उतर गई और उन्होंने शांति भंग करने की कोशिश की, अधिकारी ने कहा कि ज्यादातर मामले पॉक्सो कानून के विभिन्न प्रावधानों और आईपीसी की धाराओं के तहत दर्ज किए गए हैं और कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी