अर्चना कुमारी। मलेच्छ समुदाय का समीर खान बदले के चक्कर में मारा गया । दिल्ली में रहने वाले समीर खान (19) को आधा दर्जन से अधिक लड़कों ने सीने में चाकू घोंप दिया। शुरुआती जांच के बाद पुलिस को पता चला कि समीर के छोटे भाई शुएब से कुछ लड़कों का झगड़ा हुआ था। उस मामले छोटा भाई जेल में बंद है। माना जा रहा है कि उसी झगड़े का बदला लेने के लिए समीर की हत्या की गई ।
परिजनों का आरोप है कि हमले के समय आरोपियों के साथ एक लड़की भी शामिल थी। हमलावरों में ज्यादातर लड़के नाबालिग थे। उत्तर पूर्वी दिल्ली के दंगा प्रभावित इलाके में समीर अपने परिवार के साथ सी-1/48 न्यू सीलमपुर, इमामबाड़ा के पास रहता था। इसके परिवार में पिता यासीन खान, मां फरीदा, दो बहनें व चार भाई हैं।
समीर के एक रिश्तेदार बताया कि परिवार घर के पास ही चौक पर एक चाय का ढाबा चलाता है। मंगलवार देर करीब 1.45 बजे समीर अपने दादा मंसूर अहमद के साथ ढाबे पर मौजूद था। आरोप है कि करीब सात-आठ लड़के वहां पहुंचे। इनके साथ एक लड़की भी मौजूद थी। लड़कों ने बातचीत करने के बहाने समीर को बुलाया। बाद में वह उसे कुछ दूर ले गए। इस बीच एक युवक ने अचानक चाकू निकालकर उसके सीने में घोंप दिया और फरार हो गए।
शोर-शराबा होने पर परिजन फौरन समीर को जीटीबी अस्पताल ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। परिजनों ने आरोप लगाया कि हमला करने वाले सभी लड़के जनता कालोनी वेलकम के रहने वाले हैं। समीर के छोटे भाई शुएब से इनका झगड़ा हुआ था। मामले में दोनों ओर से लड़के जेल गए हुए हैं। शुएब भी फिलहाल जेल में है। उसका बदला लेने के लिए ही आरोपियों ने वारदात को अंजाम दिया है।