करोना तथा प्रदूषण के नाम पर हिंदुओं के पर्व दीपावली तथा छठ को रोका जा रहा है। यह हाल है देश की राजधानी दिल्ली का जहां पर केंद्र में हिंदूवादी सरकार है । अरविंद केजरीवाल की दिल्ली सरकार की भी कोशिश है कि राजधानी के लोग दीपावली पर पटाखें न जलाएं जबकि महापर्व छठ का भी आयोजन बिल्कुल ना करें ।
अपने सेकुलर देश में कभी शिवरात्रि में शिवलिंग पर दूध चढ़ाने की निंदा की जाती है ,तो कभी होली में पानी बर्बाद होने की आलोचना की जाती है लेकिन कभी कोई इस बात की आलोचना नहीं करता कि त्योहार के नाम पर इतने पशुओं को क्यों काटा जाता है तथा खुद को जख्मी कर लेने के नाम पर बच्चों को भी क्यों पिटवाया जाता है । खैर इस बार दिवाली पर पटाखा चलाने से रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने अपने स्तर पर हर संभव प्रयास किया ।
बीट ऑफिसर से लेकर जिला पुलिस उपायुक्त अपने-अपने इलाकों में लोगों को प्रदूषण बढ़ने का हवाला देकर आतिशबाजी न करने की गुजारिश की । लेकिन बावजूद इसके दिल्लीवासी बाज नहीं आए और दिल्ली वासियों ने जमकर पटाखें जलाएं। पुलिस ने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की। दीपावली वाले दिन पुलिस ने राजधानी में कुल 1206 मुकदमें दर्ज कर 850 लोगों को गिरफ्तार किया।
इसके अलावा अलग-अलग जगहों से 1314 किलोग्राम पटाखें भी बरामद किए गए। यहां यह भी मालूम रहे कि दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए एनजीटी ने 30 नवंबर तक पटाखें जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। पटाखों पर प्रतिबंध के बाद दिल्ली पुलिस एक्शन मोड में आ गई ।
सभी पंद्रह जिलों में थाना प्रभारियों से आरडब्ल्यूए और एमडब्ल्यूए के साथ बैठक की । स्कूलों में बच्चों से ऑन लाइन क्लास के दौरान पटाखें न जलाने की गुजारिश की गई। सबसे अधिक बाहरी-उत्तरी जिले में शनिवार को 165 केस दर्ज कर 165 ही लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस का कहना है कि 30 नवंबर तक आदेश का पालन करवाया जाएगा।
इतना ही नहीं छठ महापर्व मनाने से भी रोका गया है । पूर्वांचलियों का महापर्व छठ त्योहार को नदी या तालाब जैसी जगहों पर जल में खड़े होकर भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर मनाया जाता है लेकिन दिल्ली में इसकी मनाही है। पर्व मनाने वाले कहते हैं कि यह फैसला सही नहीं है और उसके खिलाफ में जंतर मंतर पर धरना भी दिया जा रहा है ।
उन लोगों का कहना है कि हम लोग इस त्योहार को घर में कैसे मना पाएंगे जबकि दिल्ली सरकार को हमारे छठ महापर्व का ख्याल रखते हुए इसके लिए व्यवस्था करनी चाहिए जो कोरोना संकट के लिए जरूरी दिशा-निर्देश हैं उनको लागू किया जाए, उनका पालन सभी छठ व्रती करें ।
हिंदू भक्तों ने कहा कि दिल्ली में हमारी पूजा को रोका जा रहा है जो साल में एक बार होता है जबकि इसी कोरोना के बीच दिल्ली में सभी बाजार, साप्ताहिक बाजार, सिनेमा हॉल, बस और मेट्रो के चलने की इजाजत दे दी गई है और तो और यहां तक कि शराब की दुकानें भी खोल दी गई हैं, तो क्या उससे भीड़ नहीं हो रही है वहीं हमारे 2 घंटे के लिए बाहर निकलने वाले त्योहार को मनाने से रोका जा रहा है, जो साल में एक बार होता है।
छठ हमारा महापर्व है और इसको घर पर नहीं मनाया जा सकता है वहीं कुछ व्रतियों ने कहा कि हम गरीब हैं, किराए के एक कमरे में रहते हैं, वहां घर में कैसे इस व्रत को कर पाएंगे। इसके अलावा कुछ का लोगों का कहना था कि हमारा घर टीन शेड का है तो हम छत पर जाकर सूर्य भगवान को कैसे अर्घ्य दे पाएंगे। गौरतलब हो कि चार दिवसीय छठ महापर्व नहाए-खाए के साथ शुरू होता है और चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर इस महापर्व का समापन होता है ।
हर जिले में कहां कितने मामले दर्ज, कितने लोग गिरफ्तार और कितने पटाखे बरामद…
जिला केस दर्ज गिरफ्तार पटाखे बरामद
पूर्वी जिला 93 55 31 किलोग्राम
उत्तर-पूर्व 35 22 3.10 किलोग्राम
शाहदरा 48 32 266 किलोग्राम
दक्षिण जिला 91 60 68.85 किलोग्राम
दक्षिण-पूर्व 96 28 57.70 किलोग्राम
मध्य जिला 17 15 1.40 किलोग्राम
उत्तरी जिला 146 88 74 किलोग्राम
बाहरी-उत्तरी 165 165 118.10 किलोग्राम
उत्तर-पश्चिम 127 135 30.30 किलोग्राम
रोहिणी 69 65 36.30 किलोग्राम
पश्चिम जिला 89 13 79.50 किलोग्राम
बाहरी जिला 99 100 286.20 किलोग्राम
द्वारका 73 42 0.40 किलोग्राम
नई दिल्ली 17 10 0.47 किलोग्राम
दक्षिण-पश्चिम 41 20 260.70 किलोग्राम