अर्चना कुमारी। अयोध्या में चलती ट्रेन में महिला सिपाही से बर्बरता करने वाले आरोपी अनीश को एनकाउंटर में मार गिराया गया। जबकि दो आरोपी पकड़े गए । जवाबी करवाई में एक दरोगा और दो सिपाही भी जख्मी हुए हैं। बताया जाता है एनकाउंटर अयोध्या के पूराकलंदर के छतरिवा पारा कैल रोड पर हुआ।
स्पेशल टास्क फोर्स उत्तर प्रदेश को शुक्रवार तड़के को आरोपियों के बारे में सूचना मिली कि वो इनायतनगर में छिपे हैं,इस पर पुलिस ने ऑपरेशन शुरू किया। इलाके की घेराबंदी करके सर्च अभियान शुरू किया गया। खुद को घिरता हुआ देख तीनों बदमाश अनीश, विशम्भर और आजाद ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी फायरिंग में विशम्भर और आजाद घायल हो गए। दोनों के पैर में गोली लगी।इसी दौरान अंधेरे का फायदा उठाकर अनीश वहां से बाइक से भाग निकला।
पुलिस ने उसे घेरकर सरेंडर करने के लिए कहा। मगर, अनीश ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी फायरिंग में पुलिस की गोली अनीश को लगी।बाद में घायल अनीश को पुलिस जिला अस्पताल अयोध्या लेकर पहुंची। वहां डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया। एनकाउंटर में थानाध्यक्ष पूराकलंदर रतन शर्मा भी घायल हुए हैं। उनके हाथ में गोली लगी है।
दो अन्य सिपाहियों के भी जख्मी हैं। पता चला है अनीश (30) पुत्र रियाज खान महिला कॉस्टेबल पर हमले का मुख्य आरोपी था। यह हैदरगंज के दशलावन का रहने वाला था। आजाद भी इसी गांव का रहने वाला है। तीसरा आरोपी विशंभर दयाल सुल्तानपुर का रहने वाला है।
आरोप है 31 अगस्त को एक महिला कांस्टेबल सरयू एक्सप्रेस ट्रेन में खून से लथपथ मिली थी। उनकी ड्यूटी अयोध्या के सावन मेले में लगी थी। महिला कांस्टेबल का वीडियो खूब वायरल हुआ था। इसमें वह सीट के नीचे थी। शरीर के निचले हिस्से में कपड़े नहीं थे। चेहरे पर चाकू से गहरे निशान थे। सिर पर फटा हुआ था।
वारदात के 23 दिन बाद भी महिला कांस्टेबल का लखनऊ के केजीएमयू में इलाज चल रहा है। इस पूरे मामले में पुलिस ने शुरुआत में लीपापोती की कोशिश की। बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया था। इसके बाद वारदात की जांच स्पेशल टास्क फोर्स को सौंपी गई थी। खुलासा हुआ है अनीश, आजाद और विशम्भर पेशेवर चोर हैं। चलती ट्रेनों में चोरियां करते हैं। 30 अगस्त की रात सरयू एक्सप्रेस में चोरी के इरादे से ही चढ़े थे।
अयोध्या स्टेशन आने से पहले बोगी तकरीबन खाली हो चुकी थी। उस दौरान ये तीनों सीट पर बैठे मोबाइल पर ब्लू फिल्म देख रहे थे। सामने की सीट पर महिला कांस्टेबल अकेले बैठी थीं। महिला कांस्टेबल उनके इरादे भांप चुकी थी। उसने अपनी सीट बदली, लेकिन बदमाश उसके पीछे दूसरी सीट पर भी आ गए। अयोध्या में पूरी तरह से बोगी खाली होने पर उन्होंने महिला के साथ जबरदस्ती करना शुरू किया। कांस्टेबल ने विरोध किया तो उसके चेहरे पर धारदार चीज से वार किए।
सिर को खिड़की से टकराया। फिर भी कांस्टेबल लड़ती रही। पकड़े जाने के डर से बदमाशों ने कांस्टेबल को सीट के नीचे ढकेल दिया। फिर मनकापुर स्टेशन पर ही उतर गए थे।
महिला कांस्टेबल का घर प्रयागराज के भदरी गांव में है। वह 4 बहनों और 2 भाइयों में दूसरे नंबर की हैं। 1998 में जब वह 18 साल की हुईं, तो स्पोर्ट्स कोटे से यूपी पुलिस में कॉन्स्टेबल बन गईं थी। इसी साल की शुरुआत में प्रमोशन मिला और वह हेड कॉन्स्टेबल बन गई। इस वक्त वह सुल्तानपुर जिले में तैनात हैं। विभाग ने पिछले कुछ दिनों से उनकी ड्यूटी अयोध्या के सावन मेला में लगाई थी।