अर्चना कुमारी। रामनवमी के दिन मध्य प्रदेश के शहर इंदौर में बड़ा हादसा हुआ। बताया जाता है कि स्थानीय मंदिर के कुंए में गिरे 35 लोगों की मौत हो गई जबकि करीब 19 लोगों का रेस्क्यू किया गया। बचाव कार्य में सेना को उतरना पड़ा और इस तरह के हादसे के बाद अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना को लेकर दुख प्रकट किया है जबकि रामनवमी के मौके पर इंदौर के स्नेह नगर के पटेल नगर में स्थित प्राचीन श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर पर बावड़ी (कुंए) की छत धंसने से 50 से 55 लोग बावड़ी में अचानक जा गिरे। बताया जा रहा है कि हादसे के बाद भी काफी देर तक फायर बिग्रेड, एंबुलेंस और 108 गाड़ियां घटनास्थल पर नहीं पहुंची।
स्थानीय लोगों ने कुछ लोगों को जैसे-तैसे बाहर निकाला गया लेकिन काफी देर तक श्रद्धालु फंसे रहे और बचाव कार्य देरी से शुरू किया गया l इंदौर कलेक्टर ,पुलिस कमिश्नर एवं विधायक आकाश विजयवर्गीय सूचना मिलने पर मौके पर अवश्य पहुंचे लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दखल के बाद रेस्क्यू अभियान में तेजी लाया गया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर कलेक्टर ,इंदौर कमिश्नर से फोन पर चर्चा कर रेस्क्यू ऑपरेशन को तेज करने के निर्देश दिए । बृहस्पतिवार दिन 11.30 बजे के लगभग पटेल नगर में हुए हादसे के काफी देर तक अभियान जारी रहा और कई लोगों को जिंदा निकालकर सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका उपचार किया जा रहा है ।
घटना के समय 60 से अधिक लोग मौके पर हवन कर रहे थे । इस वजह से मृतकों की संख्या अधिक हो सकती है ,वैसे शंकर लालवानी सांसद इंदौर ने कई लोगों के मौत की आशंका जताई है जबकि इंदौर में हुई घटना के बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना था कि घटना के जांच के आदेश दे दिए गए है।
घटना में मृत हुए लोगों को 5 लाख का मुआवजा दिए जाने का घोषणा प्रदेश सरकार की तरफ से किया गया जबकि घायलों को दी जाएगी पचास हजार रुपए की मदद। मध्य प्रदेश सरकार का कहना है कि इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाएगी और सभी मृतकों को केंद्र सरकार की तरफ से दो लाख तथा घायलों को 50,000 अतिरिक्त मिलेंगे।
स्थानीय लोगों का कहना था कि हादसे के बाद कई क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। संकरी गलियां होने से की वजह से बचाव कार्य करने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा । घटना उस समय हुई जब रामनवमी के मौके पर वहां पर बड़ी सख्या में लोग पूजा अर्चना के लिए मौजूद हुए थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पूजा अर्चना के दौरान मंदिर में बने पुरातन बावड़ी की छत पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ इकट्ठा हो गई थी क्योंकि वहां पर हवन चल रहा था। जिसके चलते छत लोगों की वजन सहन नहीं कर पाई और यह बड़ा हादसा हो गया।