अर्चना कुमारी। यह बहुत अजीब बात है कि हिंदुओं के देश में हिंदू लगातार कम हो रहे हैं । भारत के कम से कम 7 राज्यों में हिंदुओं की आबादी अन्य आबादी से कम हो कर अल्पसंख्यक हो गई है। इसकी मुख्य वजह यह है कि हिंदू अपनी जनसंख्या को सीमित रखना चाहते हैं जबकि हिंदुओं को मुस्लिम और इसाई बनाने के बड़े खेल कमोवेश प्रत्येक राज्यों में चलाए जा रहे हैं । ऐसे ही एक रैकेट का पर्दाफाश उत्तर प्रदेश पुलिस ने किया और दो लोगों को गिरफ्तार करने के बाद उनके खिलाफ रासुका समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है।
जांच एजेंसियों का कहना है कि धर्मांतरण का खेल विदेशी ताकतों के शह पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई तथा भारत में मौजूद उसके स्लीपर सेल द्वारा की जा रही है। जिन दो आरोपियों मोहम्मद उमर गौतम तथा जहांगीर को पकड़ा गया उन लोगों ने अब तक एक हजार से अधिक हिंदुओं का धर्म बदलवाकर उन्हें मुस्लिम बनाने की बात स्वीकार की है। आशंका है कि इस काम के लिए आइएसआइ से फंडिंग होती थी और भारत में मौजूद स्लीपर सेल एजेंट संस्था इस्लामिक दावा सेंटर इस तरह की अवैध गतिविधियों में लिप्त था ।
दबोचे गए मोहम्मद उमर गौतम तथा जहांगीर ने बताया कि इन लोगों ने धन का लालच देकर 1000 से अधिक हिंदुओं को मुस्लिम बनाया। यह लोग मूक और बधिर बच्चों और महिलाओं को टार्गेट करते थे।इस काम के लिए एक पूरा गिरोह काम कर रहा था जबकि इन लोगों का रैकेट और भी कई राज्यों में सक्रिय होने की सूचना है और संभावना है कि इसकी पड़ताल अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी से कराई जाएगी । सूत्रों का दावा है कि पकड़े गए मौलाना जहांगीर और उमर गौतम दिल्ली और लखनऊ के बड़े मुस्लिम संस्थान से जुड़े हैं और यह लोग मुख्य तौर पर गरीब हिंदुओं को निशाना बनाते थे।
पूछताछ के दौरान दोनों मौलाना ने बताया कि दोनों नोएडा डेफ सोसायटी में संचालित मूक बधिर स्कूल के छात्र-छात्राओं को बरगलाकर और प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करवा चुके हैं। इसके अलावा कई स्थलों पर वह धर्मांतरण करा चुके हैं। सूत्रों का दावा है कि तीन जून को दिल्ली के डासना मंदिर में दो मुस्लिम लड़कों ने पुजारी महंत यति नरसिंहानंद पर हमले का प्रयास किया गया और इसके बाद ही दोनों आरोपियों को जब पकड़ा गया तो उनसे पूछताछ के बाद मौलाना उमर और जहांगीर के बारे जानकारी मिली।
मोहम्मद उमर गौतम मूल रूप से उत्तर प्रदेश का रहने वाला है और उसका जन्म एक हिंदू परिवार में 1964 में हुआ। इस्लाम अपनाने से पहले उसका नाम श्याम प्रताप सिंह गौतम था। उनके पिता का नाम का नाम धनराज सिंह गौतम जबकि उमर छह भाई हैं, जिसमें उमर का चौथा नंबर है। बचपन में उमर को प्रधानजी के नाम से जाना जाता था जबकि खास बात ये है कि उमर के गांव में न तो उस समय किसी किसी मुस्लिम का घर था और न ही कोई मस्जिद थी। उमर गौतम का बिजनौर के रहने वाले नाजिर खान से इसकी दोस्ती हुई।
उसके बाद नाजिर खान उन्हें इस्लामिक किताबें पढ़ने के लिए दी, जिसके बाद यह शख्स मुस्लिम धर्म से प्रभावित होकर मुसलमान बन गया । साल 1984 में श्यामप्रताप सिंह गौतम ने इस्लाम अपना लिया तथा अपना नाम मोहम्मद उमर गौतम रख लिया। पकड़े जाने के बाद मौलाना मोहम्मद उमर गौतम का वीडियो वायरल हो रहा है और उसमें वह कहता है कि 18 बार तो वह केवल इंग्लैंड गया है।
उमर ने कहा कि जहां यूनिवर्सिटी में वह पढ़ाई करता था, वहां पर उसने 7 लोगों का धर्मांतरण कराया। उसमें उसका एक मित्र गोरखपुर का भी था। आगे वह कहता है कि वह 4 बार अमेरिका और अफ्रीका समेत कई देशों में वह कई बार जा चुका है। इतना ही नहीं मोहम्मद उमर ने स्वीकार किया कि इस्लामिक दिल्ली सेंटर से करीब एक हजार से ज्यादा सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं जबकि पोलैंड, पुर्तगाल, जर्मनी, सिंगापुर, अमेरिका, इंग्लैंड समेत अन्य देशों से आकर लोगों ने अपना सर्टिफिकेट बनवाया।
वीडियो में उमर गौतम कह रहा है कि इस्लामिक दावा सेंटर में महीने में औसत 15 से ज्यादा लोगों का धर्मान्तरण डॉक्यूमेंट तैयार किया जाता है। उसने इस्लामिक दावा सेंटर में करीब 1,000 लोगों के धर्मान्तरण संबंधी कागजात जारी किए जबकि वीडियो में वह कुबूल कर रहा है कि वह इस्लाम धर्म से प्रभावित है और अन्य लोगों को इस्लाम अपनाने में मदद की है।
वह कह रहा है कि लोगों के इस्लाम कबूल करने से अल्लाह का काम हो रहा है जबकि वीडियो में वह गोरखपुर के यादव परिवार के लड़के और कानपुर की एक छात्रा का भी नाम ले रहा है, जिसने उससे प्रभावित होकर इस्लाम कबूल किया। श्याम प्रताप सिंह गौतम उर्फ मोहम्मद उमर गौतम मूल रूप से उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के ग्राम पंथुआ का रहने वाला है, जबकि वह जाति से क्षत्रिय है।
उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि धर्मांतरण के आरोपियों पर रासुका और संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी। मोहम्मद उमर गौतम लोगों को अपने धर्मान्तरण की कहानी सुनाता, उन्हें लालच देता तथा उनसे इस्लाम कबूल करवाता,इसके बाद इसने दिल्ली के जामिया नगर के बटला हाउस इलाके की नूह मस्जिद के पास इस्लामिक दावा सेंटर नामक एक सेंटर बनाया।
इस सेंटर के जरिए उमर गौतम ने एक तरह से अन्य लोगों को मुसलमान बनाने की फैक्ट्री खोल दी । मोहम्मद उमर गौतम के बहुत से सहयोगी हैं, जिनमें से मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी पुत्र ताहिर अख्तर भी पकड़ा गया और उनसे पूछताछ जारी है