धन्य-धन्य “संदीप-देव” हैं
क्यों इस विश्व में सबसे-गंदी , राजनीति है भारत में ?
क्यों इस विश्व के सबसे-गंदे , नेता व अफसर भारत में ?
सबसे-गंदे सलाहकार क्यों , इस दुनिया में भारत में ?
सबसे – गंदे धर्माचार्य भी , पूरे विश्व में भारत में ।
क्यों पूरे विश्व में सबसे ज्यादा , चरित्रहीन अपने भारत में ?
क्यों सबसे ज्यादा लफ्फाज भरे हैं ,इस दुनिया में भारत में ?
क्यों धोखेबाज हैं जुमलेबाज हैं , सबसे ज्यादा भारत में ?
क्यों सबसे ज्यादा मूर्ख हैं हिंदू ! पूरी दुनिया में भारत में ?
क्यों सबसे ज्यादा भ्रष्ट-गुरु हैं , गुरु-घंटाल हैं भारत में ?
सरकारी , डॉलर , दीनारी , नकली – बाबा सब भारत में ।
क्यों पूरे विश्व में सबसे ज्यादा , गद्दार भरे हैं भारत में ?
आस्तीन के सांपों को क्यों , दूध पिलाते भारत में ?
क्यों हिंदू-धर्म के परम-शत्रु , सत्ता-सुख भोगें भारत में ?
क्यों कन्वर्जन माफिया सबसे ज्यादा,पुरस्कार पाते भारत में ?
क्यों सबसे ज्यादा पाखंड भरा है , भारत के नेताओं में ?
क्यों महाधूर्त व महाकुटिल ही , अगुवा बने हैं भारत में ?
तथाकथित जो विश्वगुरु है , क्यों कलंक बन गया भारत में ?
क्यों हिंदू-हृदय तोड़ने वाला,हृदय-सम्राट बना है भारत में ?
इन सबका कारण धर्म से दूरी , हिंदू की गहरी निद्रा है ;
धर्म-सनातन ही सच्चा-धर्म है , इसका अज्ञान ही निद्रा है ।
हिंदू ! कुछ ज्यादा सरल हृदय है, सहज ही धोखा खाता है ;
अब्बासी-हिंदू परम-कुटिल है , हिंदू ! को सदैव भरमाता है ।
ये धर्म का दुश्मन म्लेच्छ है असली, नकली हिंदू बना हुआ है ;
प्रचार-तंत्र पर पूरा कब्जा , हिंदू ! धोखे में पड़ा हुआ है ।
पर सोशल-मीडिया के कुछ चैनल , सही बात बतलाते हैं ;
धन्य – धन्य “ संदीप – देव” हैं , धर्म की राह दिखाते हैं ।
“इंडिया स्पीक्स डेली” चैनल है ,हिंदू ! को अवश्य देखना है ;
अज्ञान के सारे अंधकार को , निश्चय ही मिट जाना है ।
सत्य का सूरज निश्चित निकलेगा , धर्म-सनातन में आओ ;
पहचानो अब्बासी-हिंदू को और सारे हिंदू ! बच जाओ ।
बहुतेरे हिंदू ! महामूर्ख हैं , अब्बासी-हिंदू को अपना मानें ;
उनका हाल बुरा होना है , गर्दन कटना तय ही मानें ।
हिंदू ! अपना-धर्म बचाओ , देश बचाओ , राष्ट्र बचाओ ;
चरित्रवान – नेताओं वाली , सत्यनिष्ठ – सरकार बनाओ ।
“एकम् सनातन भारत” दल ही , पूरा-खरा कसौटी पर ;
तथाकथित हिंदूवादी दल , खड़ा मौत की घाटी पर ।