अर्चना कुमारी। नीतीश सरकार ने सम्राट अशोक, महावीर और चाणक्य की धरती को इस्लामिक राज्य बना दिया। सरकारी स्कूलों की छुट्टियों में बड़ा फेरबदल करके नीतीश सरकार खुद को मुसलमानों का मसीहा बनने की कोशिश कर रही है। पहले बिहार के पांच सौ से अधिक सरकारी स्कूलों में रविवार की जगह साप्ताहिक अवकाश शुक्रवार को जुमे के दिन कर दिया अब इसको‘आधिकारिक’ मंजूरी दे दिया गया है।
इस बीच बिहार के शिक्षा विभाग ने साल 2024 के लिए स्कूलों का छुट्टी कैलेंडर जारी कर दिया है। इसमें साल 2023 में सरकारी स्कूलों में रविवार सहित 64 दिन की छुट्टी थी। लेकिन 2024 में रविवार सहित कुल 60 छुट्टी ही मिलेंगे।हैरत की बात है, एक तरफ हिंदू त्योहारों की छुट्टियाँ कम कर दी गई है तो दूसरी ओर ईद-मुहर्रम की छुट्टी बढ़ा दी गई है। यह फैसले हिंदुओ के अधिकारों पर कुठाराघात है। वो ठगा महसूस कर रहे। इस तरह के फैसले से मुसलमानों को खुश किया जा रहा।
सूत्रों ने बताया उर्दू प्राथमिक/मध्य/ माध्यमिक/उच्च माध्यमिक या मकतब रविवार को खुले रहेंगे। इन जगहों पर साप्ताहिक अवकाश शुक्रवार को होंगे। इतना ही नहीं मुस्लिम बहुल इलाकों में चलने वाले अन्य सरकारी स्कूल भी साप्ताहिक अवकाश अब शुक्रवार को रख सकते हैं। इसके लिए उन्हें केवल जिलाधिकारी से अनुमति लेनी होगी।हैरानी की बात है, साल 2024 में सरकारी स्कूलों के लिए नीतीश सरकार ने छुट्टी का जो कैलेंडर जारी किया है।
उससे पता चलता है कि रामनवमी, जन्माष्टमी, महाशिवरात्रि और रक्षाबंधन जैसी छुट्टियाँ हटा दी गई हैं। जबकि बकरीद और मुहर्रम पर छुट्टी एक-एक दिन के लिए बढ़ा दी गई है। यह कैलेंडर बिहार के कक्षा 1 से लेकर कक्षा 12 तक के विद्यालयों पर लागू होगा।इससे हिंदू छात्र और टीचर परेशान है। साल 2023 में तीज पर दो दिन और जिउतिया पर एक दिन की छुट्टी थी, जो अब नहीं दी जाएगी। दीपावली पर भी मुश्किल से एक दिन की छुट्टी दी गई है। इससे पहले अशोक अष्टमी और अंतिम श्रावणी की छुट्टी भी होती थी, लेकिन इस बार इन्हें भी रद्द किया गया है। भाईदूज और मकर संक्रान्ति जैसे त्योहारों की कोई छुट्टी नहीं होगी।
लेकिन 2024 में बकरीद की तीन दिन की जबकि मोहर्रम की दो दिन छुट्टी रहेगी। साल 2023 में यह छुट्टियाँ क्रमशः दो और एक दिन थीं। इनमें इजाफा किया गया है। साथ ही ईद की भी छुट्टी भी तीन दिनों की होगी। शब ए बारात और चेहल्लुम जैसे मुस्लिम त्यौहारों के साथ नए कैलेंडर में मुस्लिमों के कुल 6 त्योहारों पर कुल 10 दिनों की छुट्टी दी गई है।
तुगलकी फैसले में बिहार सरकार के छुट्टी कैलेंडर में हिन्दुओं के मात्र चार त्योहार शामिल किए गए हैं जिनके लिए कुल 9 दिनों की छुट्टी घोषित की गई है। महापुरुषों की जयंती पर होने वाली छुट्टियों को भी बंद किया गया है। नए आदेश में कहा गया है कि इन पर छुट्टी ना होकर भोजनावकाश तक पढ़ाई और फिर उनके बारे में चर्चा होगी। बिहार में गाँधी जयंती की भी छुट्टी नहीं दी जाएगी।इस फैसले पर सरकार की आलोचना हो रही और भारतीय जनता पार्टी ने ‘इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ़ बिहार‘ बताया ।