हाथरस कांड को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सोमवार को हुई सुनवाई में पीड़ित परिवार व लापरवाही बरतने के आरोपी अफसरों के बयान दर्ज कर लिए गए। इस मामले में अगली सुनवाई 2 नवंबर को होगी।
सीबीआई ने इस मामले को लेकर अपनी जांच शुरू कर दी है लेकिन आशंका यही बनी हुई है कि एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमय मौत मामले में अब तक नाकामी झेल रही सीबीआई हाथरस की बिटिया को क्या इंसाफ दिला पाएगी? पीड़ित परिवार और आरोपियों के दावों में कितनी सच्चाई है इसका खुलासा कभी कर पाएगी? इस घटना को लेकर जो जातीय दंगे कराने की कांग्रेस पार्टी द्वारा रणनीति तैयार की गई थी, उसके पीछे दिमाग किसका था, यह कभी पता लगा पाएगी? और इंडिया टुडे, आजतक, एबीपी न्यूज की संदिग्ध भूमिका से कभी पर्दा उठा पाएगी?
हाथरस कांड को लेकर सोमवार को दोपहर बाद शुरू हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट में प्रदेश के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी व हाथरस के जिलाधिकारी- पुलिस अधीक्षक मौजूद रहे जबकि पीड़ित पक्ष की तरफ से परिवार के पांच सदस्य मौजूद रहे। सभी ने जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस राजन रॉय के समक्ष अपना पक्ष रखा। दोनों ही पक्षों का बयान दर्ज करने के बाद अगली सुनवाई के लिए दो नवंबर की तारीख तय की गई।
इसके पहले कड़ी सुरक्षा के बीच पीड़ित परिजनों को कोर्ट परिसर लाया गया। इस दौरान आसपास बड़ी संख्या में पुलिस व पीएसी बल तैनात था। पीड़ित पक्ष के कोर्ट पहुंचने के बाद प्रदेश के डीजीपी कोर्ट परिसर पहुंचे। इस बीच हाथरस केस को सीबीआई ने टेकओवर कर लिया है।
योगी सरकार ने हाथरस कांड की जांच के लिए सीबीआई को संस्तुति पत्र भेजा था। केंद्र सरकार की डीओपीटी विभाग के नोटिफिकेशन के बाद सीबीआई ने हाथरस केस की जांच शुरू कर दी है । अभी तक हाथरस कांड की जांच एसआईटी कर रही थी। लेकिन सीबीआई के जांच का जिम्मा संभालते ही इस केस से संबंधित सारे दस्तावेज और केस डायरी आदि सीबीआई को उपलब्ध कराए जा रहे हैं लेकिन पीड़ित परिवार सीबीआई जांच से भी संतुष्ट नहीं है क्योंकि परिवार कभी नारको टेस्ट के लिए मना करता है तो कभी सीबीआई की जांच पर उन लोगों को भरोसा नहीं है।
इस बीच पीड़िता की भाभी ने कहा कि हम सीबीआई जांच नहीं चाहते हैं। केस की न्यायिक जांच होनी चाहिए। हम जज की निगरानी में जांच चाहते हैं। सीबीआई का कहना है कि वह जल्द ही इस पूरे मामले को लेकर गहराई तक पहुंचेंगे और जो भी आरोपी है उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। जांच अपने हाथ में लेने वाली केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने आरोपियों के खिलाफ धारा 376डी, धारा 307 और धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया है जबकि सीबीआई ने एससी/एसटी एक्ट की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया है।
कांग्रेस पार्टी की तरफ से राहुल और प्रियंका गांधी की जोड़ी ने इस कांड को लेकर दलित कार्ड खेला जबकि उसके पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने इस कांड के बहाने दंगे की स्क्रिप्ट भी तैयार कर ली थी लेकिन रिपब्लिक भारत के स्टिंग में उसका पर्दाफाश के जाने के बाद कांग्रेस पार्टी की खूब फजीहत हुई।
बीजेपी भी यह मान रही है कि हाथरस केस में जो उत्तर प्रदेश पुलिस की किरकिरी हुई है, वह सीबीआई की जांच रिपोर्ट आने के बाद खोई साख को वापस दिलाएगी। इस बीच इस मामले को लेकर एक नया वीडियो वायरल हुआ है और इस वीडियो में दिख रहा है कि पुलिसकर्मी शव को चिता पर रखकर इस पर कोई ज्वलनशील पदार्थ डालकर जला रहे हैं।
हाथरस मामले में रहस्य से पर्दा उठाए जाने को लेकर पूरा देश उत्सुक है क्योंकि इस कांड में सच्चाई कम और नाटक बाजी ज्यादा चल रही है यही वजह है कि पिछले दिनों एक नकली भाभी का चेहरा उजागर हुआ। जो खुद को पीड़िता की भाभी बता कर पीड़ित परिवार को उकसा रही थी जबकि वह मूल तौर पर मध्य प्रदेश की जबलपुर की रहने वाली है और नक्सली विचारधारा से प्रभावित इस महिला का पीड़ित परिवार से कोई लेना-देना नहीं था।
सूत्रों का कहना है जिस तरह से हाथरस कांड में नित्य प्रतिदिन खुलासे हो रहे हैं उससे पूरा यह मामला रहस्य के घेरे में है क्योंकि यहां सोची-समझी साजिश के तहत जातीय दंगे कराने की चाल चली गई और इसको लेकर राजनीतिक दलों खासकर कांग्रेस पार्टी ने जमकर बवाल मचाया।