अर्चना कुमारी। महाराष्ट्र के अहमदनगर में काला जादू का इलाज कराने के बहाने ईसाई पुजारी ने दो नाबालिग लड़कियों का यौन शोषण किया। सनातन के खिलाफ ईसाई लगातार परपंच कर रहे है। जबकि महाराष्ट्र में एक मजबूत अंधविश्वास विरोधी कानून है। इसके बाबजूद न तो केंद्र और न राज्य सरकार कोई सख्त कदम नहीं उठा रही।
ताजा घटना के विरोध में पब्लिक सड़क पर है। सूत्रो ने बताया। सोनाई-बेल्हेकरवाड़ी मार्ग पर स्थित एक चर्च के पादरी उत्तम वैरागर द्वारा २ नाबालिग लड़कियों पर यौन शोषण तथा एक महिला से दुष्कर्म किया गया। इसके विरोध में दो हजार से अधिक महिलाओं तथा युवकों ने राहुरी मार्ग पर विरोध सभा की और चक्का जाम किया ।
सनद रहे अंधविश्वास के नाम पर लड़कियों में भय निर्माण कर उन्हेें चर्च में बुलाया गया था । इसके बाद उनका यौन शौषण किया गया। इसी तरह एक महिला को भी हवस की शिकार बनाया गया था। विरोध सभा में ‘राष्ट्रीय श्रीराम संघ’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सागर बेग एवं सोमनाथ ज़ादे ने भी अपनी नाराज़गी व्यक्त की । यह भी आरोप लगाया गया कि मामला दर्ज होने के बाद भी कोई कारवाई नही की जा रही है। इस अत्याचार के विरोध में सोनई तथा आसपास के क्षेत्र में बंद रखा है।
दो दिन पहले क्रोधित ग्रामीणों ने इन अत्याचारों के विरोध में सोनई तथा उसके आसपास बंद रखा और नारे बाजी किया । प्रदर्शनकारी युवक-युवतियां सोनई बस स्टेशन चौक पर एकत्र हुए थे । आरंभ में इस स्थान पर कहा गया था कि वे शांतिपूर्ण ढंग से मोर्चा तथा विरोध सभाएं आयोजित कर प्रशासन के सामने अपनी भावनाएं रखेंगे ।
हाथों में विरोध की तख्तियां तथा ’आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए’ जैसे नारे लगाते हुए मोर्चा पुलिस स्टेशन के सामने आया । यहां मोर्चा रोके जाने पर सड़क पर विरोध सभा की गई । लोकल लोगो ने बताया नेवासा, राहुरी, सोनाई, श्रीरामपुर में इसके पहले भी जिहादियों द्वारा लड़कियों पर अत्याचार किए गए हैं; लेकिन वो जिहादी आज जमानत पर हैं ।
ऐसे प्रकरणों में कोई वकील हमारी सहायता नहीं करता । ये आरोपी न्यायिक त्रुटियों का लाभ उठाकर बच निकलते हैं । इस बार उन्होंने चेतावनी भी दी कि यदि कोई सरकारी वकील हमसे नहीं मिला तो हम बाद में आठ दिन बाद यहां रास्ता रोको विरोध प्रदर्शन करेंगे ।