अर्चना कुमारी। दिल्ली सरकार ने नवंबर 2021 में जोर-शोर से नई एक्साइज पॉलिसी शुरू की थी और कुछ ही दिनों में पॉलिसी रद्द कर दी गई। बताया जाता है कि इस पॉलिसी की वजह से दिल्ली में शराब काफी सस्ती हो गई थी और रिटेलर्स इन शराब को डिस्काउंट पर बेचना शुरू कर दिया था लेकिन आरोप है कि शराब के ठेके बांटने में धांधली हुई और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पैसे लेकर अपने चुनिंदा डीलर्स को फायदा पहुंचाया ।
बाद में मामले के मद्देनजर सीबीआई जांच हुई और आखिरकार सिसोदिया गिरफ्तार हो गए। सीबीआई अदालत ने 4 मार्च तक सीबीआई कस्टडी में सिसोदिया को रखा है ताकि मामले की तह में जाकर जांच की जा सके । सीबीआई सूत्रों का कहना है कि सिसोदिया के खिलाफ काफी सबूत है और वह जांच में बिल्कुल भी सहयोग नहीं कर रहे।
सीबीआई के तरफ से दावा किया गया घोटाले को लेकर ड्राफ्ट कॉपी भी सिसोदिया के इस्तेमाल किए जाने वाले कम्प्यूटर से मिला, जिसमे कमीशन की बात है, इस बारे में उनसे पूछा गया लेकिन वह सहयोग नहीं कर रहे थे। इस वजह से गिरफ्तार करना पडा। नई आबकारी नीति को लेकर मनीष सिसोदिया ने कैबिनेट नोट चलाया, जिसमें नई एक्साइज पॉलिसी के लिए पब्लिक रिस्पॉन्स लिया गया..उसके बाद ग्रुप ऑफ मिनिटर्स के जरिए रिटेल और थोक दुकानों के लिए बदलाव करने की बात हुई।
सीबीआई ने कहा मनीष ने नई फाइल बनाई और उसके बाद उसको पास करवाया जबकि दावा किया गया है साउथ ग्रुप के मोबाइल से व्हाट्सएप चैट मिला, जिसे नष्ट किया गया था।इस मामले में बिचौलिया विजय नायर बहुत सक्रिय था और एक शराब निर्माता के एक समूह से घूस मांगी। मकसद था पॉलिसी में मनचाहा बदलाव ।
साऊथ ग्रुप के एक व्यक्ति ओबेरॉय होटल में रुके..दक्षिण ग्रुप 16 मार्च 2021 को विजय नायर से मिला। सीबीआई ने दावा किया कि मनीष सिसोदिया के कंप्यूटर से ये आंकड़े मिले कमीशन का प्रतिशत 5% से 12% तक बढ़ गया। इससे साफ ससे पता लगा कि कैसे पैसे की बंदरबांट हुई।
सिसोदिया ने मोबाइल से कई सबूत नष्ट किए, सीबीआई ने कहा कि मनीष ने कमीशन के परसेंट में बदलाव पर जवाब नहीं दे पाए जांच के दौरान तीन नोटिस दिए गए,जिसमें से दो पूछताछ में शामिल हुए। लेकिन आरोप लगाया कि वो जवाब नहीं दे रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि घोटाले को लेकर सीबीआई को घोटाले को लेकर पूरी मनी ट्रेल मिल गई है
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