अर्चना कुमारी अरविंद केजरीवाल के एक और विधायक अमानतुल्लाह खान से करीब 12 घंटे की पूछताछ की गई। पहले कहा गया उसे गिरफ्तार किया गया है।
लेकिन उसे रिहा कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमानतुल्लाह खान ईडी के सामने पेश हुए थे। अमानतुल्लाह खान पर वक़्फ़ बोर्ड में 32 लोगों की अवैध नियुक्ति करने का आरोप है और ये भी आरोप लगाया गया है कि उन्होंने दिल्ली वक्फ बोर्ड के धन का दुरुपयोग किया था।
इस मामल में एंटी करप्शन ब्यूरो ने सितंबर 2022 में अमानतुल्लाह से पूछताछ की थी। इसी के आधार पर एसीबी ने चार जगहों पर छापे मारे, करीब 24 लाख रुपए कैश बरामद किया था।
सूत्रो ने बताया अमानतुल्ला खान बृहस्पतिवार को धन शोधन संबंधी मामले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश हुए। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली वक्फ बोर्ड में खान की अध्यक्षता के दौरान हुईं कथित अनियमितताओं से संबंधित मामले में आप विधायक की अग्रिम जमानत याचिका पर विचार करने से पिछले सप्ताह इनकार कर दिया था।
जिसके बाद अब उनसे यह पूछताछ हुई है। शीर्ष अदालत ने उन्हें 18 अप्रैल को जांच में शामिल होने का निर्देश दिया था। ईडी कार्यालय में प्रवेश करने से पहले उन्होंने दावा किया कि जब वह वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष थे तो उन्होंने नियमों का पालन किया और कानूनी राय लेने के बाद और 2013 में आए नए अधिनियम (बोर्ड के लिए) के अनुसार कार्य किया।
उसके खिलाफ धन शोधन का मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी और दिल्ली पुलिस की तीन शिकायतों से संबंधित है। ईडी ने दावा किया है कि खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती के माध्यम से बड़ी रकम नकद में अर्जित की और अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदने के लिए उस रकम का निवेश किया।
खान के परिसरों पर ईडी की छापेमारी भी हो चुकी है। ईडी ने एक बयान में आरोप लगाया था कि वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती हुई और खान की अध्यक्षता (2018-2022) के दौरान वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को गलत तरीके से पट्टे पर देकर खान ने अवैध तरीके से लाभ कमाया।
ईडी ने कहा कि खान ने उक्त आपराधिक गतिविधियों से नकद में बड़ी रकम अर्जित की और इस नकद राशि को अपने सहयोगियों के नाम पर दिल्ली में विभिन्न अचल संपत्तियों की खरीद में निवेश किया ।
इसमें कहा गया था कि छापे के दौरान कई अपराधिक सामग्री जब्त की गई, जो धन शोधन के मामले में खान की भूमिका का संकेत देती है।
आम आदमी पार्टी (आप) ने आरोप लगाया था कि यह जांच उन झूठे मामलों में से एक थी जो उसकी पार्टी के नेताओं के खिलाफ दायर किए जा रहे थे। उच्चतम न्यायालय ने 15 अप्रैल के अपने आदेश में खान को कोई राहत देने से इनकार कर दिया था और विधायक द्वारा ईडी के समन में शामिल न होने पर नाराजगी जताई थी। पीठ ने उनके वकील से कहा ’क्या हुआ है.. बार-बार समन जारी किए गए और आप उपस्थित नहीं हुए। यह गलत है।
हम इसे कैसे माफ कर सकते हैं?’ पीठ ने उनके वकील से कहा। एजेंसी ने इस मामले में जनवरी में आरोपपत्र दायर किया और खान के तीन कथित सहयोगियों – जीशान हैदर, दाउद नासिर और जावेद इमाम सिद्दीकी सहित चार लोगों को नामित किया है।