अर्चना कुमारी। सीलमपुर इलाके में समीर खान(19) की हत्या हुई और कुल 7 आरोपी पकड़े गए। इनमें एक लड़की समेत चार नाबालिग शामिल है। पुलिस का दावा है कि इस हत्याकांड के तार तिहाड़ जेल से जुड़े हैं और बालिग आरोपियों की पहचान अनस उर्फ इमरान उर्फ काला (22) फैजान (22) और आसिफ उर्फ बॉस (22) के रूप में हुई है।
पुलिस का दावा है कि दंगा प्रभावित रहे सीलमपुर में समीर का छोटा भाई शुएब मस्तान एक मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं। जेल में शुएब का अल्ताफ नामक लड़के से झगड़ा हो गया। अल्ताफ ने इसका संदेश अपने पिता आफताब तक पहुंचा दिया। इसके बाद आफताब ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर समीर की हत्या की योजना बना दी।
इसके अलावा अनस और समीर एक ही लड़की से प्यार करते थे। अनस भी समीर को सबक सिखाना चाहता था। इन दोनों वजहों की वजह से समीर की हत्या को अंजाम दिया गया। दरअसल पिछले दिनों सीलमपुर इलाके में समीर नामक युवक की चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के समय समीर अपने चाय के ढाबे पर मौजूद था।
पुलिस को दिए बयान में समीर के चचेरे भाई साजिद ने बताया कि चाय की दुकान से उसे वेलकम का रहने वाला अनस उर्फ इमरान बुलाकर अपने साथ ले गया था। इसके बाद दुकान से कुछ दूर सात-आठ लोगों ने वारदात को अंजाम दिया। इनके साथ एक लड़की भी मौजूद थी। पुलिस ने साजिद के बयान पर मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी।
पुलिस ने आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की पड़ताल की। इसके बाद पुलिस ने वेलकम जनता कालोनी से पहले अनस, फैजान और आसिफ को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद नाबालिग लड़की समेत चार नाबालिगों को पकड़ लिया। सभी वारदात में अपना हाथ होने की बात कबूल कर ली। पुलिस को पता चला कि आरोपी अनस पहले भी वेलकम इलाके में हुई हत्या में शामिल रहा। फैजान के खिलाफ भी दंगे समेत तीन मामले दर्ज हैं।
अनस जेल में बंद अल्ताफ के पिता आफताब के साथ काम करता है। जब आफताब को जेल में बंद बेटे का मैसेज मिला तो उसने यह बात अनस को बताई। अनस एक युवती को लेकर समीर से नाराज था। उसने पहले भी समीर को समझाया था, लेकिन वह नहीं मान रहा था। आफताब के कहने पर वह फौरन समीर की हत्या के लिए तैयार हो गया। उसने अपने नाबालिग साथियों के अलावा फैजान और आसिफ से भी वारदात में साथ देने की बात की। वारदात को अंजाम दे दिया गया। पुलिस ने आरोपियों के पास से वारदात में इस्तेमाल तीन चाकू बरामद कर लिये हैं।