अर्चना कुमारी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को एक पत्रकार को उसके उस वीडियो को सोशल मीडिया से हटाने का निर्देश दिया जिसमें डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के खिलाफ अपमानजनक सामग्री है। न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने जेल में बंद धार्मिक नेता के मुकदमे पर सुनवाई करते हुए कहा कि वीडियो प्रथम दृष्टया मानहानिकारक है।
उन्होंने पत्रकार श्याम मीरा सिंह को यह छूट दी कि वह अपने बयानों के स्रेत के बारे में स्पष्टीकरण देते हुए एक नया वीडियो अपलोड करने की स्वतंत्रता दी। वादी ने कहा, गुरमीत राम रहीम ने अपने अनुयायियों को कैसे बेवकूफ बनाया?’’ शीषर्क वाले वीडियो में उपदेशक के एक कथित आतंकवादी व्यक्ति के साथ संबंध के बारे में अपमानजनक आरोप लगाए गए और निष्पक्ष सुनवाई और प्रतिष्ठा के उसके अधिकार को खतरे में डाला गया।
पत्रकार के वकील ने कहा कि वीडियो में राम रहीम के खिलाफ निचली अदालत के फैसले की सामग्री और अनुराग त्रिपाठी द्वारा लिखित पुस्तक ‘डेरा सच्चा सौदा और गुरमीत राम रहीम’’ का हवाला दिया गया है। न्यायालय ने आदेश दिया, ‘‘प्रथम दृष्टया वीडियो मानहानिकारक प्रतीत होता है।
प्रतिवादी संख्या 2 (श्याम मीरां सिंह प्रतिवादी संख्या 1 (यूट्यूब) से वीडियो हटा देगा और वह अदालत के फैसले से उद्धृत हिस्से और पुस्तक से उद्धृत हिस्से के बारे में स्पष्टीकरण के साथ वीडियो (फिर से) अपलोड करने के लिए स्वतंत्र है।’अदालत ने कहा, ‘‘सभी सोशल मीडिया मंच से 24 घंटे के भीतर (सामग्री) हटाने की कार्रवाई की जाएगी।’’ अदालत का यह आदेश मुकदमे में अंतरिम राहत की अर्जी पर आया।