विनीत नारायण। फ़ेसबुक संस्थापक मार्क जुकरबर्ग अपनी ख़ुद की पाली हुई गायों को मेवा खिलाकर और बियर पिला कर तैयार करता है। फिर दुनिया का सबसे मंहगा गोमांस खाता है। उसकी एक गाय साल भर में पाँच से दस लाख ₹ का ऐसा भोजन खाती है।
अब तक सुना था कि मार्क ज़ुक़रबर्ग भारत के महान संत बाबा नीब करौरी (आश्रम कैंची, नैनीताल में व समाधि वृंदावन, मथुरा में ) से प्राप्त आशीर्वाद को अपनी सफलता का श्रेय देता है। पर उसका ये आचरण तो हर सनातनी हिंदू को दहलाने वाला है। अब देखना ये होगा कि भारत का संत समाज व धर्मध्वजी गोहत्या के इस कारोबार पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं ?
जबकि वैज्ञानिक रूप से ये सिद्ध हो चुका है कि मांसाहार स्वास्थ्य व पर्यावरण दोनों के लिए विनाशक होता है और शाकाहार अत्यधिक लाभप्रद।
पर चिंता की बात ये भी है कि भारत में गो हत्या और बीफ के कारोबार में मुसलमानों से कहीं अधिक संख्या हिंदुओं की है। आज भारत दुनियाँ में बीफ का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश है। हम दूसरों को क्या शिक्षा देंगे जब हमारा स्वयं का आचरण सनातन धर्म के विरुद्ध है ? आपका क्या विचार है ?
यह पोस्ट खुद फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने लिखी है। साथ ही जिस तस्वीर को उसने अपने पोस्ट के साथ शेयर किया है उसमें गाय के मांस के साथ मार्क जुकरबर्ग बैठा है। वह लिखता है कि उसने गाय को ख़ुद पाला है। वह अपनी गाय को ड्राई फ्रूट खिला कर, बीयर पीला कर पालता है और फिर काट कर खा जाता है।
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वह लिख रहा है कि वह दुनिया का हाईयेस्ट क्वालिटी बीफ तैयार कर रहा है। इसकी एक गाय साल भर में पाँच हज़ार से दस हज़ार पाउंड का भोजन कर जाती हैं। इन गायों के लिए मैकडेमिया के पेड़ लगाये जाते हैं। ये पेड़ एक तरह का नट (ड्राई फ्रूट) देते हैं जिसे गायें खाती हैं। मार्क जुकरबर्ग गायों के लिए सैकड़ों एकड़ में मैकेडेमिया के पेड़ की पैदावार करता है। इस काम में उसने अपनी बेटी को भी लगा रखा है।
यह घृणित लोग कुत्ता पाल कर पशु प्रेम का ढिंढोरा पीटते हैं और निर्दोष गाय को खा जाते हैं। ये कितने नीच हैं, इसी से अंदाजा लगाइए।