अर्चना कुमारी। दिल्ली दंगों की आरोपी देवांगना कालिता ने उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया कि उसे 2020 के दिल्ली दंगों से जुड़े दो मामलों में कुछ वीडियो और वॉट्सऐप चैट मुहैया कराने का निर्देश दिल्ली पुलिस को दिया जाए। दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ 2020 में हुए प्रदर्शन के दौरान सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित इन मामलों में एक मामला विधिविरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने छात्रा की याचिकाओं पर नोटिस जारी कर जांच एजेंसी से अपने जवाब दायर करने को कहा, लेकिन निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने से मना कर दिया। कालिता ने गुहार लगाई थी कि उसे अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए वीडियो और चैट की जरूरत है, लेकिन दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा है कि उसकी याचिकाएं विचारणीय नहीं हैं।
दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि मामलों में आगे जांच चल रही है और याचिकाकर्ता ने जो सामग्री मांगी है, वह आरोपपत्र का हिस्सा नहीं है। न्यायमूर्ति अमित बंसल ने मामले को 17 जनवरी को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘जब तक मैं दोनों पक्षों को नहीं सुन लेता, तब तक स्थगन का प्रश्न नहीं है।