अर्चना कुमारी । पता नहीं क्यों हिंदू लड़कियां मुस्लिमों के जाल में अक्सर क्यों फंस जाती है । श्रद्धा के पिता परेशान है और उन्हें कुछ भी समझ नहीं आ रहा। उनकी बेटी ने उनको कहा था कि पापा 25 की हूं, फैसले ले सकती हूं इस पर श्रद्धा के:पिता बोले- बात मान लेती तो जिंदा होती श्रद्धा।
उनके अनुसार आफताब ड्रैकुला से कम नहीं है और उसे फांसी होनी चाहिए । पुलिस सूत्रों का कहना है कि 27 साल की लड़की को उसके लिव-इन पार्टनर ने किस बेरहमी से मारा और फिर उसके शरीर के 35 टुकड़े कर दिए, यह कहानी दिल दहलाने वाली है, लेकिन इसमें सबसे दुखद पहलू श्रद्धा के पिता का है। उन्हें इस बात का अफसोस है कि उनकी बेटी ने प्यार में जिद के चलते उनकी बात नहीं मानी।
अगर मान ली होती तो आज वह जिंदा होती। उनका कहना था कि कथित प्यार के चक्कर में फंसने पर उसने बेटी को बहुत समझाया, पर वो नहीं मानी, जिद करती रही कि मैं अपने फैसले खुद लूंगी ,श्रद्धा के पिता विकास मदन वॉकर बताते हैं, ‘श्रद्धा और आफताब के रिलेशनशिप के बारे में परिवार को 18 महीने बाद पता चला। श्रद्धा ने अपनी मां से 2019 में कहा था कि वो आफताब के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में है।
इसका मैंने और मेरी पत्नी ने विरोध किया था उसे भारतीय संस्कार समझाया लेकिन उसे समझ नहीं आया।इस घटना को लेकर उस समय तब श्रद्धा नाराज हो गई और उसने कहा कि मैं 25 साल की हो गई हूं। मुझे अपने फैसले लेने का पूरा हक है। मुझे आफताब के साथ लिव इन में रहना है। मैं आज से आपकी बेटी नहीं। यह कहकर वो घर से जाने लगी, तो मेरी पत्नी ने काफी मिन्नतें कीं, मगर वो नहीं मानी और आफताब के साथ चली गई।
श्रद्धा ने जो फैसले की वह परेशान करने वाला था और हम लोग दुखी रहने लगे ,इस बीच हमें उसके दोस्तों से ही उनकी जानकारी मिल पाती थी। श्रद्धा के इस फैसले से उसकी मां को गहरा सदमा लगा। वो अक्सर बीमार रहने लगीं। 2021 में उनकी मौत हो गई। मां की मौत के बाद श्रद्धा ने मुझसे एक-दो बार बातचीत की थी।
तब उसने बताया था कि आफताब के साथ उसके रिश्ते में कड़वाहट आ गई है। उस दौरान वह एक बार घर भी आई और बताया कि आफताब उसके साथ मारपीट करता है। तब मैंने उसे वापस घर आने को कहा था, मगर आफताब के मनाने पर वह उसके साथ चली गई। श्रद्धा के दोस्त ने बताया था कि उसका फोन बंद है, तब हमने पुलिस में शिकायत की
पिता ने आगे बताया, श्रद्धा के जाने के बाद मुझे उसके दोस्तों शिवानी माथरे और लक्ष्मण नडार ने बताया कि श्रद्धा और आफताब के रिश्ते अच्छे नहीं हैं। आफताब उसे मारता-पीटता है। मैं उसे कई बार समझा चुका था, लेकिन उसने कभी मेरी बात नहीं मानी इसलिए मैंने उससे बात नहीं की।
इसी बीच 14 सितबंर को मेरे बेटे श्रीजय को लक्ष्मण ने फोन करके बताया कि श्रद्धा का फोन दो महीने से बंद है। अगले दिन जब मैंने बेटे से बात की तो उसने मुझे श्रद्धा का फोन बंद होने की बात बताई। तब मैंने लक्ष्मण से बात की और महाराष्ट्र के मानिकपुर थाने में श्रद्धा के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद पता चला कि श्रद्धा आफताब के साथ दिल्ली में रह रही है।
इस पर हमने दिल्ली के महरौली थाने पहुंचकर आफताब के खिलाफ बेटी के अपहरण दर्ज कराई। जिसके बाद इस मामले का खुलासा हो पाया। उनको विश्वास नहीं हो रहा कि उनकी बेटी अब इस दुनिया में नहीं रही और उन्होंने आशंका जताई है कि आफताब ने कई और हिंदू लड़कियों का अपना निशाना बनाया है। उनका साफ कहना था कि लव जिहाद उनकी बेटी मार दी गई और उन्हें इंसाफ मिलना चाहिए और हत्यारे को सरेआम फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए