अर्चना कुमारी। कथित तौर पर माओवादियों से संबंध रखने के आरोपी डीयू के पूर्व प्रोफ़ेसर सहित 6 आरोपियों को आरोपमुक्त करने के बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया।
बताया जाता है कि कोर्ट ने मामले को वापस हाइकोर्ट भेजा। सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट को नए सिरे से सुनवाई करने और फैसला लेने का निर्देश दिया । सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया है। गौरतलब है कि . साई बाबा फिलहाल नागपुर सेंट्रल जेल में बंद है।
उन्हें मई 2014 में नक्सलियों के साथ कथित संबंध के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी से पहले व्हीलचेयर से चलने वाले प्रोफ़ेसर साई बाबा डीयू के रामलाल आनंद कॉलेज में अंग्रेजी पढ़ाते थे। बताया जाता है कि जेएनयू के छात्र हेम मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद साई बाबा पर शिकंजा कसा गया था।
हेम ने जांच एजेंसियों के सामने दावा किया था कि वह छत्तीसगढ़ के अबुजमाड़ के जंगलों में छिपे हुए नक्सलियों और प्रोफेसर के बीच एक कुरियर के रूप में काम कर रहे थे। जीएन साईबाबा 90 फीसदी शारिरिक रूप से अक्षम है, उन्हें गैरकानूनी गतिविधियों अधिनियम के तहत दोषी करार दिया गया था और उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। दोषियों में पांडू नरोटे का निधन हो गया है। जबकि विजय तिर्की, महेश तिर्की, हेम मिश्रा, प्रशांत राही को भी हाइकोर्ट ने बरी कर दिया था।