अर्चना कुमारी। दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल को चौथी बार समन जारी किया गया है।
अब आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को 18 जनवरी को एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है। केजरीवाल तीन जनवरी को तीसरी बार ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे।
मुख्यमंत्री को पिछले वर्ष दो नवंबर और 21 दिसंबर को भी पेश होने के लिए कहा गया था। नया नोटिस जारी कर ईडी ने केजरीवाल की इस दलील को एक बार फिर खारिज कर दिया है कि उन्हें जारी किए गए समन ‘कानून के अनुरूप नहीं थे’और इसलिए इन्हें वापस लिया जाना चाहिए।
सूत्रों के मुताबिक एजेंसी का मानना है कि केजरीवाल को भेजे गए समन ‘धन शोधन निवारण अधिनियम की प्रक्रियाओं और कानून के दायरे में’ थे। मामले में ईडी द्वारा दायर आरोप पत्र में केजरीवाल के नाम का कई बार उल्लेख किया गया है।
एजेंसी ने कहा है कि आरोपी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 की तैयारी के संबंध में उनके संपर्क में थे। इस नीति को अब समाप्त कर दिया गया है।
ईडी ने अपने आरोप पत्र में दावा किया था कि आप ने अपने गोवा चुनाव अभियान में लगभग 45 करोड़ रुपये की आपराधिक आय’ का इस्तेमाल किया था।
माना जा रहा है कि ईडी इस मामले में एक नया पूरक आरोप पत्र दायर करेगी और आप को आबकारी नीति के माध्यम से उत्पन्न कथित रिश्वत के ‘‘लाभार्थी’’ के रूप में आरोपित कर सकती है।
आरोप है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने संबंधी दिल्ली सरकार की 2021-22 की आबकारी नीति में घोर खामियां थीं और इसके जरिए कुछ डीलर का पक्ष लिया गया जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत थी। आप ने इन आरोपों का बार-बार खंडन किया है।