अर्चना कुमारी। भारतीय रेल में नौकरी दिलाने का झांसा देकर धोखाधड़ी करने वाले को पुलिस ने गिरफ्तार किया। आरोप है कि उसने 40 लोगों से करीब 2.44 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी करने वाले गैंग का एक प्रमुख सदस्य था। आरोपी की पहचान 43 वर्षीय मोहम्मद रागहीब फिरोज उर्फ फिरोज खान के तौर पर की गई है, जो उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा का रहने वाला है।
आर्थिक अपराध शाखा का दावा है कि आरोपी ने साइकोलॉजी में ग्रेजुएशन और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। पुलिस ने इस जॉब रैकेट का पर्दाफाश करते हुए मामले में पहले ही दो आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है जबकि इस आरोपी की तलाश लंबे अरसे से की जा रही थी । पुलिस का कहना है कि इस मामले में पीड़ितों की ओर से बताया गया था उन्हें इंडियन रेलवे में नौकरी देने के बहाने ठगा गया।
इतना ही नहीं एक जालसाज खुद को सीनियर आईएएस ऑफिसर बता रहा था। इसके बाद बेरोजगारों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर करीब 40 लोगों से इस गैंग ने 2.44 करोड़ रुपए ऐंठ लिए थे। यह रकम मिलने के बाद गैंग के सदस्यों ने पीड़ितों को फर्जी अप्वाइंटमेंट लेटर और ट्रेनिंग लेटर भी जारी कर दिया था।
हैरत की बात तो यह है कि आरोपियों ने उनका फर्जी मेडिकल टेस्ट करने के लिए देहरादून में 3 माह की जॉब ट्रेनिंग भी करवाई लेकिन इसके बावजूद किसी को नौकरी नहीं मिली और थक हार कर पीड़ितों ने पुलिस के पास शिकायत कर दी।
बताया जाता है कि जब सभी पीड़ित डीआरएम ऑफिस टाटा नगर, जमशेदपुर में नौकरी के लिए रिपोर्ट करने पहुंचे तो उन्हें धोखाधड़ी का पता चला। रेलवे विभाग का कहना है कि इस तरह की कोई वैकेंसी नहीं निकाली गई थी। इस गिरोह का मास्टरमाइंड फिरोज ही बताया जाता है जबकि दो आरोपियों को पहले गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में आगे की छानबीन करते हुए आरोपी फिरोज खान को पकड़ा गया है ।