अर्चना कुमारी। सड़कों पर होने वाले अपराध रुके तो नहीं है लेकिन साइबर क्राइम का दायरा अचानक काफी बढ गया है। इन दिनों लोन एप के जरिए आम जनों को फंसा कर वसूली की जा रही है और रुपए देने से इनकार किए जाने पर सोशल मीडिया पर उन्हें बदनाम किया जा रहा है। भोपाल में भूपेंद्र विश्वकर्मा तथा उनके परिजनों की मौत ने तो साबित कर दिया है कि लोन एप कितना खतरनाक है।
जैसे-जसे दुनिया डिजिटल रूप से विकसित हो रही है, वैसे-वैसे आसानी से साइबर अपराधी लोगों को ठगने में शातिर हो गए हैं। जब फोन पर कोई लोन ऐप डाउनलोड किया जाता है, तो बिना किसी संदेह के, कोई भी ऐप को आपके फोन की सामग्री तक पहुंचने की अनुमति देता है। पैसे की सख्त जरूरत वाले लोगों के लिए, ये ऐप तत्काल सेवा के कारण लोकप्रिय रहते हैं। बैंक लोन के उलट यहां फॉर्मेलटीज जैसे वेरिफिकेशन और डॉक्यूमेंटेशन को पूरा करना आसान होता है। इसके चलते कोई भी आम व्यक्ति आसानी से इसके जाल में फंस जाता है।
पहले तो आसान प्रक्रिया के तहत लोन देना फिर अपने जाल में फंसा कर उनके संपर्क सूत्रों को अश्लील फोटो भेज कर बदनाम करना उनकी मुख्य कार्यपद्धती है। एक बार लोन एप्स के जरिए ले लिया गया कर्ज बढ़ता ही चला जाता है और कभी भी कम नहीं होता। भूपेंद्र विश्वकर्मा के साथ ऐसा ही कुछ हुआ लेकिन इससे पहले भी इस तरह की कई घटनाएं हुई है लेकिन सरकार इस तरह के ऐप पर नकेल कसने में अब तक नाकाम साबित हुई है। देश का कोई ऐसा शहर नहीं बचा है जहां पर लोग इस तरह के लोन एप जाल में फंस कर ना केवल अपने जीवन भर की मेहनत की कमाई लूटा रहे हैं बल्कि उन्हें अपनी जान से हाथ भी धोना पड़ रहा है।
पिछले दिनों 22 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्र ने अपने मोबाइल फोन पर अपनी निजी तस्वीरें सार्वजनिक करने की चीनी ऋण ऐप्स द्वारा धमकी दिए जाने के बाद बेंगलुरु में आत्महत्या कर कर ली थी । इसी तरह आंध्र प्रदेश में लोन ऐप एजेंटों द्वारा उत्पीड़न के कारण जोड़े ने आत्महत्या कर ली। जब वे रकम नहीं चुका सके, तो ऋण एजेंटों ने उन्हें यह कहकर धमकाना शुरू कर दिया कि वे उनकी अनुचित तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करेंगे।
मुंबई के एक व्यक्ति संदीप ने एक त्वरित ऋण ऐप के “रिकवरी एजेंटों” द्वारा उसके रिश्तेदारों और दोस्तों को उसकी विकृत न्यूड तस्वीरें भेजने के बाद अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। पीड़ित ने अपने मोबाइल डेटा तक पहुंच की अनुमति दी, जिससे आरोपी सक्षम हो गया। ऐसा करने के लिए।
यह तो सिर्फ बानगी भर है इस तरह की घटनाएं अक्सर घटित होती रहती है लेकिन इसके बावजूद लोग इस तरह के ऐप के जाल में फंस जाते हैं जबकि उन्हें चाहिए कि ऐसे ऋण ऐप्स से सावधान रहें जो अधिक कागजी कार्रवाई की आवश्यकता के बिना ऋण प्रदान करते हैं और पीड़ित के डिवाइस तक आसान पहुंच प्राप्त करते हैं, फिर भारी ब्याज दर वसूलते हैं, और फिर निजी डेटा के साथ ग्राहकों को धमकाते हैं। सरकार को भी चाहिए कि वह इस तरह के लोन ऐप को अविलंब बंद करें