गृहमंत्री राजनाथ सिंह के पाकिस्तान दौरे को लेकर पाकिस्तान में आतंकवादियों के सरगनों ने अपनी सलाह पाकिस्तान हुकूमत को देना शुरू कर दिया है,ध्यान रहे पाकिस्तान में इसी महीने दक्षेश राष्ट्रों का सम्मलेन होने जा रहा है और राजनाथ सिंह इसमें हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान जाने वाले हैं.
हाफिज सईद और सलाउद्दीन ने राजनाथ सिंह के इस सम्मलेन में हिस्सा लेने को लेकर विरोध जताया है , अंतराष्ट्रीय मंच में बेनकाब हो चुके लश्करे तैय्यबा के कमांडर की बेचैनी साफ़ देखी जा सकती है कि राजनाथ सिंह की उपस्थिति से उनके आतंकवाद की फैक्ट्री में ताला पड़ सकता है, भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले और कश्मीर में अलगावादियों का समर्थन करने वाले हाफिज सईद ने राजनाथ सिंह पर कश्मीरियों की हत्या का जिम्मेदार होने का आरोप लगाते हुए कहा है हुए चेतावनी दी है कि यदि राजनाथ दक्षेस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान आते हैं तो देशभर में विरोध प्रदर्शन होंगे. देखिये किस तरह एक आतंकवादी पूरी पाकिस्तान सरकार को खुल्ले आम चुनोती दे रहा है और पाकिस्तान सरकार की सोई हुई है.
पाकिस्तान में रहकर कश्मीरियों की चिंता में हाफिज सईद दुबले हुए जा रहे है और पाकिस्तान सरकार को नसीहतें देने में लगे हुए हैं. लगता है पाकिस्तान में सलाहकारों कि कमी हो गयी है, जो पाकिस्तान सरकार के फैसले एक आतंकवादी की सलाह पर लेंगे.कुछ भी हो सकता है क्योंकि सलाउद्दीन के अनुसार पाकिस्तान के पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बीमार जो हैं. जरा हाफिज सईद के सुझाव भी सुन लीजिये ‘पाकिस्तान को भारत से अपनी राजनैतिक सम्बन्ध खत्म कर देने चाहिए तथा व्यापार भी बंद कर देना चाहिए’, अब इनको कौन समझाए कि राजनैतिक संबंधों की आड़ में पाकिस्तान सरकार ने जो नफरतों कि फसल बोई है वो कश्मीर के बेगुनाह लोग काट रहे हैं. पाकिस्तान ने राजनैतिक सम्बन्ध निभाए कब थे ? जो खत्म होंगे. वो तो भारत है जो वर्षों से पीठ पीछे वार करने वाले पाकिस्तान को बर्दास्त कर रहा है.
पाकिस्तान किसे अपने यहाँ बुलाये और किसे नहीं इसका फैसला लगता है पाकिस्तानी सरकार न कर सैय्यद सलालुद्दीन और हाफिज सईद जैसे लोग करते हैं. राजनाथ सिंह को लेकर इन दोनों की बेचैनी को साफ़ देखी जा सकती है. कश्मीर में अलगाववादियों के खिलाफ हो रही भारत सरकार की कार्यवाही ने इनको इतना बेचैन कर दिया है कि इनको समझ नहीं आ रहा है कि इनके आतंकवाद की फैक्ट्री में बने बुरहान वानी जैसे प्रोडक्ट्स का क्या होगा जो कश्मीर में वर्षों से आतंकवाद का खेल खेल रहे हैं