अर्चना कुमारी। एक हार्डकोर हिज्बुल आतंकी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया। उसकी योजना गणतंत्र दिवस और अयोध्या मंदिर शुभारंभ से पहले देश दहलाना हो सकता था। उसके निशाने पर कुछ धार्मिक और राजनैतिक नेता भी थे। आतंकवादी जावेद मट्टू ,जो जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से जुड़े कई मामलों में वांछित था।
उसके कब्जे से 9 एमएम स्टार पिस्तौल, 6 जिंदा कारतूस, एक अतिरिक्त मैगजीन और एक चोरी की कार बरामद किया गया। पकड़ा गया आतंकी लगभग 11 ज्ञात आतंकवादी हमलों में वांछित था और उस पर 10 लाख से अधिक का इनाम था। इसके अलावा वह जम्मू-कश्मीर में 5 ग्रेनेड हमलों में शामिल था। उस पर पांच पुलिस कर्मिंयों की हत्या और दर्जनों पुलिस कर्मिंयों तथा सार्वजनिक व्यक्तियों को घायल करने के भी आरोप है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में आईईडी विस्फोट में भी शामिल रहा था।
उसे दिल्ली नोएडा बार्डर के समीप डीएनडी और निजामुद्दीन के समीप से पकड़ा गया। जावेद ए प्लस प्लस श्रेणी का आतंकी है। कुछ दिन पहले सूचना मिली थी कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़ा जम्मू-कश्मीर का एक खूंखार और वांछित आतंकवादी जावेद हथियार और गोला-बारूद इकट्ठा करने के लिए दिल्ली एसएनआर में आने वाला है और इस सूचना के बाद उसे पकड़ा गया। यह आतंकी हिजबुल का हार्डकोर कमांडर रहा है।
कश्मीर के सोपोर शिवपुरी का रहने वाला जावेद कई बार पाकिस्तान जा चुका है। हाल में ही उसके भाई का एक वीडियो खूब वायरल हुआ था। जिसमें जावेद के भाई रईस ने अपने घर पर तिरंगा झंडा लहराया था। करीब 13 साल से यह आतंकी फरार चल रहा था जबकि सुरक्षा कर्मिंयों से कश्मीर में सेना के एक कारवाई के दौरान मुठभेड़ में घायल होने के बाद वह नेपाल चला गया था।
उसने पूछताछ में खुलासा किया है कि उसका पूरा नाम जावेद अहमद मट्टू उर्फ इरशाद अहमद माला उर्फ अहसान है। वह बारामुला जिला के सोपोर का रहने वाला है। वह कुख्यात पाक समर्थित आतंकी हिज्बुल के जिस गैंग का मेंबर रहा है उसमें और भी 6 आतंकी शामिल हैं। जो इन दिनों नॉर्थ कश्मीर, सोपोर और जम्मू कश्मीर में सक्रिय हैं। उसने हवलदार मोहम्मद की हत्या किए जाने के अलावा सोपोर के एसपी आवास पर भी आतंकी हमला किया था।
इसके अलावा उसने साल 2010 में पट्टन में दो सीआरपीएफ जवानों की हत्या कर उनकी सर्विस राइफलें छीन ली थी। इस घटना के एक साल बाद उसने सोपोर में पुलिस की गश्ती पार्टी पर गोलीबारी की थी। जबकि एक पुलिस कांस्टेबल, मोहम्मद शाहफी लोन की हत्या में भी शामिल रहा था। उसके उपर साल 2011 में पुलिस स्टेशन सोपोर में एक आईईडी विस्फोट का भी आरोप है, जिसमें कर्मी मोरीफत हुसैन की मौत हो गई थी।