जो लोग कल तक बैंक फ्रॉड के मामले में कार्रवाई करने को लेकर मोदी सरकार की आलोचना करते थे, वे लोग आज क्या कहेंगे? जब ICICI बैंक ने अपने पूर्व सीईओ चंदा कोचर को न केवल निकाल बाहर कर दिया है, बल्कि वर्तमान से लेकर भविष्य तक की सारी सुविधाएं छीन ली हैं, यहां तक कि 2009 से मिले बोनस लौटाने को कहा गया है। ध्यान रहे कि जब मोदी सरकार ने चंदा कोचर उसके पति दीपक कोचर तथा वीडियोकॉन की धोखाधड़ी के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दिया था। करीब एक सप्ताह पहले जब सीबीआई के अधिकारियों ने उसके खिलाफ कार्रवाई की थी तब कई लोगों ने मोदी सरकार के आदेश की आलोचना की थी। मालूम हो कि सीबीआई ने चंदा कोचर उसके पति दीपक कोचर तथा वीडियोकॉन ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर वेनुगोपाल धूत के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र रचने के आरोप में मामला दर्ज किया था। एक सप्ताह बाद आईसीआईसीआई बैंक ने अपने इंटरनल रिपोर्ट के आधार पर दोषी ठहराते हुए उसे अपने पद से हटा दिया है।
Srikrishna panel finds former #ICICI boss #ChandaKochhar guilty of wrongdoing, sacks her and revokes all bonuses paid to her from 2008-19. I report: https://t.co/tPPsYT0umc
— Shaswati Das (@shaswatidas) January 30, 2019
मालूम हो कि आईसीआईसीबैंक ने आंतरिक जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बीएन श्रीकृष्णा के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित की थी। श्रीकृष्ण को हेड ऑफ इंक्वायरी बनाया था। श्रीकृष्णा कमेटी ने चंदा कोचर को बैंक के कोड ऑफ कंडक्ट की अवहेलना करने और धोखाधड़ी करने का दोषी पाया। श्रीकृष्णा पैनल रिपोर्ट के आधार पर आईसीआईसीआई बैंक ने न केवल चंदा कोचर को नौकरी से निकाल दिया है, बल्कि 2009 से लेकर 19 तक दिए गए सारे वोनस भी वापस करने को कहा है।
My advice to our investigators – avoid adventurism and follow the advice given to Arjun in the Mahabharata – Just concentrate on the bulls eye.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) January 25, 2019
ध्यान रहे कि जब मोदी सरकार के आदेश पर सीबीआई अधिकारियों ने चंदा कोचर, उसके पति दीपक कोचर तथा वीडियोकॉन के महानिदेशक के ठिकानों पर छापेमारी की थी तब अमेरिका में अपना इलाज करा रहे केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ट्वीट कर इस कदम की आलोचना की थी। इसके साथ ही उन्होंने सीबीआई के अधिकारियों को दुस्साहस दिखाने के लिए कार्रवाई करने से बचने की भी नसीहत दी थी।
Professional investigation targets the guilty & protects the innocent. It secures convictions and furthers public interest. One of the reasons why our conviction rates are poor is that adventurism and megalomania overtakes our investigators and professionalism takes a back seat.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) January 25, 2019
उन्होंने अपने ट्वीट के माध्यम से कहा था कि अधिकारियों को जांच के दौरान प्रोफेशनली दोषियों पर हमला करना चाहिए तथा निर्दोषों को बचाना चाहिए।
https://twitter.com/arunjaitley/status/1088809828590542851More
उन्होंने लिखा था कि मैं भारत से हजारों किलोमीटर दूर बैठे जब उन सूची पर नजर दौड़ाता हूं, जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई है तो यही पाता हूं कि लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने की बजाए यह यात्रा वहां से शुरू की गई है जो किसी सार्थक दिशा की ओर नहीं जाती दिखती है।
Hello @arunjaitley Why you scream for Chanda and blamed CBI…Her own ICICI Bank now kicking her…. also retrieving Bonus given to her from 2009
Cc : @PChidambaram_IN https://t.co/M1X5604IIX
— J Gopikrishnan (@jgopikrishnan70) January 30, 2019
जेटली के उन्हीं ट्वीट पर जवाब देते हुए एक वरिष्ठ पत्रकार ने लिखा है कि चंदा कोचर पर कार्रवाई होने से आपको इतना गुस्सा क्यों आया था? आखिर क्यों आप बेवजह सीबीआई के अधिकारियों पर दुस्साहस दिखाने के लिए कार्रवाई करने का आरोप लगाया था? जबकि आज आईसीआईसीआई ने खुद ही चंदा कोचर को गलत साबित करते हुए उसे अपने यहां से निकाल बाहर कर दिया है। केवल निकाला ही नहीं है बल्कि भविष्य में मिलने वाली सभी सुविधाओं से भी वंचित कर दिया है। इतना ही नहीं 2009 से दिए गए बोनस भी लौटाने को कहा है।
ICICI-Videocon Case: CBI Officer Who Signed FIR Against Chanda Kochhar Transferred the Next Day https://t.co/ZCsMzzQwv7
— Subramanian Swamy (@Swamy39) January 27, 2019
गौरतलब हो कि जिस सीबीआई अधिकारी एसपी सुधांशु धर मिश्रा ने चंदा कोचर के खिलाफ कार्रवाई की थी उसका अगले ही दिन झारखंड तबादला कर दिया गया था। छापेमारी की सूचना लीक करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ जांच का भी आदेश दे दिया गया था। मालूम हो कि चंदा कोचर, उसके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन समूह के महानिदेशक धूत के खिलाफ एसपी सुधांशु धर मिश्रा ने ही एफआईआर दर्ज कराई थी।आईसीआईसीआई बैंक धोखाधड़ी मामले में एफआईआर दर्ज करने के एक दिन बाद ही मिश्रा का तबादला झारखंड कर दिया गया।
सीबीआई इससे पहले गंभीर प्रकरणों पर किस प्रकार काम कर रहेी थी इसका अंदाजा आप सीबीआई के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा के जाने से पता चलता है। ध्यान रहे कि जब से आलोक वर्मा को उनके पद से हटाया गया है तभी से सारी बड़ी कार्रवाई हो पाई है। चाहे माल्या का प्रत्यर्पण हो या मिशेल का, चंदा कोचर के खिलाफ कार्रवाई हो या अन्य आर्थिक धोखाधड़ी के मामले हों सभी मामले अटके पड़े थे। इससे स्पष्ट होता है कि आलोक वर्मा जान बूझकर मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए किसी फाइल को आगे नहीं बढ़ने दे रहे थे। चंदा कोचर मामले से तो यह साफ हो गया है कि भ्रष्टाचार में लिप्त या फिर देश के बैंकों को लूटने में शामिल किसी भी व्यक्ति को मोदी सरकार छोड़ेगी नहीं।
URL : ICICI Bank terminated chanda kochar also retrieving Bonus!
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