जिस रोहिंग्याओं को मुसलिम देश सऊदी अरब पनाह देने को तैयार नहीं है उसी रोहिंग्याओं को भारत में बसाने के लिए प्रशांत भूषण जैसा वकील सुप्रीम कोर्ट की शरण में चला जाता है। तस्लीमा नसरीन ने सऊदी अरब द्वारा रोहिंग्या मुसलमानों को भगाए जाने को लेकर ट्वीट किया है कि मैंने सुना था कि मुसलमान आपस में भाई होते हैं लेकिन सच इससे उलट है। मैंने हमेशा यही देखा है कि अमीर मुसलमान गरीब से घृणा करते हैं, सून्नी मुसलमान शिया से और शिया सुन्नी से घृणा करते हैं। सुन्नी अहमदिया मुसलमान से घृणा करते हैं तो सऊदी मुसलमान यमिनी मुसलमान से घृणा करते हैं, भारत में भी पंजाबी मुसलमान बंगाली मुसलमान से घृणा करते हैं तो बंगाली मुसलमान पंजाबी से।
Saudi Arabia is deporting Rohingya Muslims! So much I hear Muslims are brothers! But always see rich Muslims hate poor Muslims, Sunni M hate Shia M. Shia M hate Sunni M, Sunni M hate Ahmadia M. Saudi Muslims hate Yemeni Muslims,Punjabi Muslims hate Bengali Muslims & so on!
— taslima nasreen (@taslimanasreen) November 12, 2018
इससे साफ जाहिर होता है कि मुसलमान भी किसी दूसरे मुसलमान को बर्दाश्त नहीं करते, जबकि भारत में कुछ लोग ऐसे हैं जो वोट बैंक बढ़ाने के लिए रोहिंग्याओं को भारत में रखना चाहते हैं। वैसे भी भारत की स्थिति जनसंख्या के हिसाब से पहले से ही खराब। भारत में आज भी करीब 31 करोड़ लोग अवैध रूप से रह रहे हैं। क्योंकि 25 करोड़ लोग बगैर आधार के हैं। इतने दिनों के बाद भी आधार नहीं बन पाना यह दर्शाता है कि वे इस देश के असली नागरिक हैं ही नहीं। इसके अलावा 5 करोड़ बंग्लादेशी हैं तथा एक करोड़ रोहिंग्या अवैध रूप से रह रहे हैं।
122 करोड़ आधार
25 करोड़ बिना आधार
5 करोड़ बंगलादेशी
1 करोड़ रोहिंग्या
अर्थात भारत की जनसँख्या 153 करोड़ है
जमीन दुनिया की 2%
पीने योग्य पानी 4%
और जनसँख्या 20%
क्षेत्रफल चीन का एक तिहाई और जनसँख्या वृद्धि की दर 3 गुना
चीन में प्रति मिनट 11 बच्चे और भारत में 33 बच्चे पैदा होते हैं pic.twitter.com/Px1DCPnUDv
— Ashwini Upadhyay (@AshwiniBJP) November 12, 2018
इस संदर्भ में भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता तथा सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील अश्विनी उपाध्याय ट्वीट कर के जो आंकड़े दिए हैं उसके मुताबिक भारत की स्थित दूसरे देश से अवैध रूप से आए नागरिकों के कारण दयनीय हो गयी है। दुनिया की धरती पर भारत की हिस्सेदारी महज 2 प्रतिशत है जबकि वह विश्व की 20 प्रतिशत आबादी का भार ढो रहा है। कुछ खास समुदायों के कारण भारत की जनसंख्या वृद्धि भी चीन से ज्यादा है। भारत की जनसंख्य वृद्धि तीन गुणा है। भारत का क्षेत्रफल जहां चीन की तुलना में एक तिहाई है जबकि जनसंख्य वृद्धि की दर तीन गुना अधिक है। चीन में जहां प्रति मिनट 11 बच्चे जन्म लेते हैं वहीं भारत में 33 बच्चे पैदा होते हैं। इस लिहाज से देखा जाए तो भारत से रोहिंग्याओं का ही नहीं बल्कि बंग्लादेशियों के साथ ही अवैध रूप से रहने वाले वे 25 करोड़ लोगों को भी देश से बाहर निकाला जाना चाहिए। लेकिन देश के बहुसंख्यकों के संसाधन को लुटाकर खास संप्रदाय के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंकने में लगे हैं।
URL: If Rohingya dangerous for Saudi Arabia, how can be good for India
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