पिछले 68 सालों में संविधान की वोट बैंक के अनुसार व्याख्या करने वालों ने एक ऐसी स्थिति पैदा कर दी कि स्वयं को अल्पसंख्यक समुदाय में शामिल करना एक बेहतर भविष्य की गारंटी जैसा लगने लगा। हिन्दू धर्म के मंदिरों, धर्म परंपराओं, आस्था केंद्रों, प्राचीन ग्रंथो, ऐतिहासिक इमारतों, हिंदुओं से संबंधित इतिहास और यहां तक कि जनसंख्या वितरण तक पर एक सुनियोजित हमला लगातार जारी हैं।
भारत के संविधान की वर्तमान व्याख्या के अनुसार तथाकथित अल्पसंख्यक समाजों को जो अधिकार प्राप्त हैं वो हिन्दू समाज को सीधे सीधे सेकंड क्लास सिटीजनशिप की स्थिति में लाता हैं। इस का केवल एक ही हल हैं – भारत मे सभी नागरिकों को समान अधिकार दिया जाये। देश मे शांति व सद्भाव बनाये रखने के लिए भी आवश्यक हैं कि सभी नागरिकों को समन अधिकार व समान अवसर सुनिश्चित किये जायें और बहुंसख्यक व अल्पसंख्यक के आधार ओर भेदभाव को समाप्त किया जाएं।
हिन्दू चार्टर एक प्रयास हैं हिन्दू धर्म के प्रति हो रहे इस अन्याय व अत्याचार को समाप्त करने का। हिन्दू चार्टर के माध्यम से हम भारत सरकार व सभी नीति निर्माताओं को ये तथ्यों व लॉजिक के माध्यम से बताना चाहते हैं कि भारत मे हिंदुओं को अल्पसंख्यक धर्मो के समान अधिकार दिए ही जाने चाहिए।
देश के अनेक शहरों में सफल कार्यक्रमों के बाद अब राजधानी दिल्ली में हिन्दू चार्टर के विषय पर एक वर्कशॉप आयोजित किया जा रहा है। इस वर्कशॉप में सभी नागरिकों के लिए समान अधिकारों के लिए समर्पित व्यक्तियों को हिन्दू चार्टर के विभिन्न विषयों की जानकारी दी जाएगी। आइये इस ऐतिहासिक जनांदोलन का हिस्सा बनिये।
प्रेस वार्ता को संबोधित करेंगे –
संक्रांत सानू (लेखक व टेक्नोलॉजिस्ट), सुरेन्द्रनाथ सी (IT प्रोफेशनल), कपिल मिश्रा (विधायक, दिल्ली), मनिंदर सिंह सिरसा (विधायक, दिल्ली), तजिंदर बग्गा ( प्रवक्ता, भाजपा, दिल्ली)।
स्थान व समय:
23 नवम्बर, 3:30 pm
भारतीय विद्या भवन, कस्तूरबा गांधी मार्ग, कॉपरनिकस मार्ग, नई दिल्ली – 110001
अधिक जानकारी के लिए
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URL:In India Hindus Has No Religious Rights
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