मेघालय हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि भारत को उसी समय हिंदू राष्ट्र घोषित कर देना चाहिए था जब देश का विभाजन हुआ था। समझ नहीं आ रहा कि मेघालय हाईकोर्ट के इस बयान पर बवाल क्यों मचा है। मेघालय हाईकोर्ट के जस्टिस एस आर सेन ने अमण राणा नाम के व्यक्ति द्वारा दायर याचिका पर फैसला देते हुए यह बयान दिया है। राण के डोमिसाइल प्रमाण पत्र देने के मामले पर सुनवाई करते हुए उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान, बंग्लादेश और अफगानिस्तान में रह रहे हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई, पारसी, खासी और गारो समुदाय के लोग आज भी प्रताड़ित हो रहे हैं। इसलिए वहां से आने वाले इन लोगों को कभी भी देश में आने की अनुमति देने के साथ उन्हे पुनर्वासित करने और भारत की नागरिकता दी जानी चाहिए।
India should have been declared a Hindu country, Meghalaya High Court [Read Full Judgment]https://t.co/3gVVemwGtv
— Bar & Bench (@barandbench) December 12, 2018
मेघालय हाईकोर्ट ने डोमिसाइल प्रमाण पत्र याचिका पर सुनवाई करते हुए देश के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री व संसद से ऐसा कानून लाने की सिफारिश की है जिससे पड़ोसी देशों जैसे पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान से आने वाले हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, ईसाई, पारसी, खासी व गारो समुदाय के लोगों को बिना किसी सवाल या दस्तावेज के भारत की नागरिकता मिल सके। सेने अपने फैसले में यह भी लिखा है कि जब विभाजन हुआ था उसी समय भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित कर देना चाहिए था, लेकिन हम धर्मनिरपेक्ष देश बने रहे।
सुनवाई के दौरान सेन ने देश के इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा ” पाकिस्तान ने खुद को इसलामिक देश घोषित कर लिया और भारत को भी कई धर्मों के आधार पर बंटे रहने के बावजूद हिंदू राष्ट्र घोषित कर दिया जाना चाहिए था, लेकिन भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश बना रहा”
उन्होंने आगे कहा “जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश था, उस समय न तो पाकिस्तान न ही बंग्लादेश और अफगानिस्तान का कोई अस्तित्व था, ये सारे देश एक ही देश में समाहित थे और पूरे देश का शासन हिंदू शासकों द्वारा होता था, लेकिन उसके बाद यहां मुगल आए और उन्होंने भारत के अधिकांश भाग को कब्जा कर देश पर शासन करना शुरू कर दिया, उसी समय देश में बलात मतांतरण कराया गया। इसके बाद अंग्रेज आए और उन्होंने भी सालों राज किया, उनके अत्याचार के कारण स्वतंत्रता संग्राम शुरू हुआ और अंत में 1947 में हमें आजादी मिली। लेकिन स्वतंत्रता मिलने से पहले ही हमारा देश भारत और पाकिस्तान में बंट गया। पाकिस्तान ने तो इसलामिक देश होने की घोषणा कर दी। यह तो निर्विवाद सत्य है कि विभाजन के दौरान लाखों हिंदुओं और सिखों का कत्लेआम किया गया, लाखों पर जुर्म ढाए गए और बलात्कार किया गया। हिंदुओं और सिखों को पैतृक संपत्ति छोड़कर जान और सम्मान बचाने के लिए भारत भागने पर मजबूर किया गया।”
अपने फैसले में इस ऐतिहासिक तथ्यों को उजागर करने के बाद ही मेघालय हाईकोर्ट ने यह बयान दिया कि जब पाकिस्तान ने खुद को इसलामिक देश घोषित किया वहीं भारत ने खुद को धर्मनिरपेक्ष देश बने रहने की घोषणा की, जबकि हिदू राष्ट्र होने की घोषणा की जानी चाहिए थी, क्योंकि दोनों देशों का विभाजन आखिरकार धर्म के आधार पर ही तो हुआ था।
जस्टिस सेन ने मोदी सरकार पर भरोसा जताते हुए कहा है कि यह सरकार देश को कभी मुसलिम देश नहीं बनने देगी। उन्होंने कहा है कि इस देश में बैठकर किसी को इसे मुसलिम देश बनाने की चेष्टा नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा की निर्वासन और रिफ्यूजी की जिंदगी जीने वाले हिंदुओं और सिखों की वेदना को देखते हुए ही उन्होंने देश के प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, विधि मंत्री तथा देश के सांसदों को एक ऐसा कानून लाने का अनुरोध किया है जो पाकिस्तान, बंग्लादेश तथा अफगानिस्तान से आने वाले हिंदू , सिख, जैन, बौद्ध आदि समुदाय से आने वाले लोगों को पूरे सम्मान और शांतिपूर्वक रहने की अनुमति दे, इसके अलावा बगैर किसी दस्तावेज तथा सवाल उठाने उन्हें तत्काल नागरिकता दी जानी चाहिए। साथ ही इन तीन देशों से आने वालों को तत्काल पुनर्वासित करने और उन्हें भारती की नागरिकता देने की व्यवस्था हो। जस्टिस सेन ने कहा है कि यही व्यवस्था उन देशों में होना चाहिए जहां तंगहाली और प्रताड़ना की जिंदगी जीने को विवश हैं हिंदू, क्योंकि आखिरकार पाकिस्तान, बंग्लादेश और अफगानिस्तान भी तो उनका अपना ही देश है।
प्वाइंट वाइज समझिए
हिंदू राष्ट्र घोषित हो भारत
* विभाजन के समय देश को हिंदू राष्ट्र घोषित कर देने के बयान पर बवाल क्यों ?
* मेघालय कोर्ट का पीएम, गृहमंत्री, विधि मंत्री व सांसदों से कानून लाने का अनुरोध
* पाकिस्तान, बंग्लादेश और अफगानिस्तान में अभी भी प्रताड़ित हो रहे हैं हिंदू
* देश का विभाजन होने के बाद ही पाकिस्तान ने इसलामिक देश बन गया था
* भारत बना रहा धर्मनिरपेक्ष देश, जबकि विभाजन धार्मिक आधार पर हुआ था
* पाकिस्तान ने वहां के हिंदुओं और सिखों का कत्लेआम कर वहां से भगा दिया
* पैतृक संपत्ति छोड़ जान और सम्मान बचाने के लिए भारत भागने को किया मजबूर
* भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश था, पाक, अफगान और बंग्लादेश का निशान न था
* पूरे भारत में हिंदू राजाओं का शासन था, कहीं फसाद न था पूरा देश शांत था
* मुगलों के आते ही बड़े स्तर पर मतांतरण शुरू कर दिया गया, बड़े स्तर पर हिंदुओं को मारा गया
URL : India should have been declared Hindu Rashtra after partition
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