सन 1984 में सिखों के खिलाफ भड़काए गए दंगों के दौरान दिल्ली के रकाबगंज गुरुद्वारा पर हमला करने वाले चार हजार से भी अधिक लोगों की भीड़ का नेतृत्व करने वाले कमलनाथ अब मध्य प्रदेश का नेतृत्व करने जा रहे हैं। रकाबगंज गुरुद्वारा पर हमला करने वाली जिस भीड़ का कमलनाथ ने नेतृत्व किया था उसी भीड़ ने गुरुद्वारा में एक सिख परिवार के बाप-बेटे की हत्या कर दी थी। सिखों के खिलाफ दंगों की जांच के लिए बैठाए गए आयोग के सामने सूरी नाम के प्रत्यक्षदर्शी ने यह बताया कि उस हत्यारी भीड़ का नेतृत्व कमलनाथ ही कर रहे थे। वही कमलनाथ अब मध्य प्रदेश की कमान संभालने जा रहे हैं, लेकिन लुटियंस पत्रकार खामोश हैं। कमलनाथ ही क्यों, सिखों के खिलाफ दंगा भड़काने के मुख्य आरोपी सज्जन कुमार तो सालों से मकरसंक्रांति के दिन लुटियंस पत्रकारों को भोज खिलाकर खरीदते रहे हैं। लेकिन वामी-कांगी विरादरी के अपने कहे जाने वाले कारवां पत्रिका के संपादक हरतोश सिंह बल ने लुटियंस पत्रकारों को आईना दिखाया है। उन्होंने कहा है कि जिस दिन कमलनाथ मध्य प्रदेश के मुख्यमत्री के रूप में पद की शपथ लेंगे वह दिन राजनीतिक नैतिकता का सबसे ज्यादा अवहेलना वाला होगा।
much has been written about kamal nath's role in '84 massacres at the head of a mob that burnt 2 sikhs to death. here is kuldip nayyar writing about how he anf sanjay gandhi interviewed bhinderanwale for the job he did. he admitted paying him as wellhttps://t.co/8SnHYRqzMx
— Hartosh Singh Bal (@HartoshSinghBal) December 12, 2018
बल ने अपने ट्वीट में लिखा है कि कल तक मोदी विरोध के नाम पर अल्पसंख्यक अधिकारों के लिए आह्वान करने वालों की आज की चुप्पी से उनके सिद्धांतों का ही खुलासा हुआ है। उन्होंने लिखा है कि वैसे तो कमलनाथ पर अभी तक बहुत कुछ लिखा गया है। दिल्ली के रकाबगंज गुरुद्वारे में एक सिख परिवार के बाप-बेटे के जिंदा जलाने से लेकर गुरुद्वारे पर हमला करने वाले चार हजार हमलावरों के नेतृत्व करने तक के बारे में लिखा गया है। लेकिन स्वर्गीय कुलदीप नैयर की किताब में हुए खुलासे के बारे में कोई कुछ नहीं लिखा है। उन्होंने अपनी किताब में लिखा था कि कैसे कमलनाथ ने अपने मित्र संजय गांधी के साथ मिलकर अलग खालिस्तान देश की मांग करने वाले वाले आतंकवादी भिंडरावाले का उसके काम के लिए इंटरव्यू लिया था। उस समय कमलनाथ ने खुद स्वीकार किया था कि उसने भिंडरावाले को उसके काम के लिए पैसा दिया था।
कुलदीप नैयर जैसे बड़े पत्रकारों के किए गए खुलासे के बाद भी लुटियंस जोन के वामी-कांगी पत्रकार न केवल कमलनाथ की ताजपोशी पर खामोश हैं बल्कि राहुल गांधी द्वारा कमलनाथ को मध्य प्रदेश की कमान सौंपे जाने की खुशी में बज रहे नगाड़े पर थाप दे रहे हैं।
'who were these men the police had stood watching & Kamal Nath controlled? those men at Rakab Ganj, killers among them, had come from Teen Murti Bhavan…They were brought there—The organization behind such mobilization could not but have been the Cong'https://t.co/OoW5UnxKlP
— Hartosh Singh Bal (@HartoshSinghBal) December 12, 2018
कारवां के संपादक बल ने अपने एक ट्वीट में लिखा है कि रकाबगंज गुरुद्वारा पर हमले से पहले वहां एकत्रित हुए वे लोग कौन थे जिसे पुलिस निहार रही थी और कमलनाथ नियंत्रित कर रहे थे? रकाबगंज गुरुद्वारे में मारे गए बाप-बेटे का हत्यारा इन्हीं भीड़ में से कोई था। इन लोगों को सीधे तीनमूर्ति भवन से लाया गया था। इस प्रकार इतनी भीड़ को एकत्रित करने वाला अगर कोई संगठन था तो वह कांग्रेस था। और उस हत्यारी भीड़ का नियंत्रण कोई और नहीं बल्कि कमलनाथ ने किया था।
सिख के खिलाफ दिल्ली में भड़गाए गए हिंसात्मक दंगा के बारे मे एक लेखक आनंद रंगनाथन ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि एक नवंबर 1984 को करीब चार हजार लोगों की भीड़ ने रकाबगंज गुरुद्वारे पर हमला कर दिया। इस हमले के दौरान हमलावरों ने गुरुद्वारे में दो सिख बाप-बेटे को जिंदा जला दिया। यह खुलासा सूरी नाम के एक प्रत्यक्षदर्शी ने दंगों की जांच के लिए गठित आयोग के सामने किया था। उन्होंने आयोग को बताया कि उस भीड़ का जो एक व्यक्ति नेतृत्व कर रहा था वह था कमलनाथ। आज वही कमलनाथ मध्य प्रदेश का 18वां मुख्यमंत्री बनने जा रहा है।
Heard @RahulGandhi planning to appointment 84 Sikh Massacre Murdrer Kamalnath as CM. He is the same person who Burned Gurudwara Rakbaganj ( Hind di Chadar Guru Teg Bhadur ji cremation place) . It exposing Congress Anti Sikh face once again
— Tajinder Pal Singh Bagga (@TajinderBagga) December 12, 2018
कमलनाथ के मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने की संभावना पर भारतीय जनता पार्टी के नेता और प्रवक्ता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि सुना है कि राहुल गांधी 1984 में सिखो के नरसंहार कराने वाले हत्यारे कमलनाथ को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाने की योजना बना रहे हैं। कमलनात वही व्यक्ति है जिसने गुरु रकाबगंज गुरुद्वारे पर हमला कर गुरु तेग बहादुर जी की समाधि पर चढ़ी दिंह दी चादर को जलाया था। कमलनाथ को मध्य प्रदेश की कमान सौंपे जाने से एक बार फिर कांग्रेस का सिख विरोधी चेहरा उजागर हो गया है।
कुलदीप नैयर की किताब “बियॉन्ड द लाइन” में कमलनाथ के हवाले से जो खुलासा किया गया है वह अपने आप में कमलनाथ के देश विरोधी होने का दस्तावेज है। कमलनाथा के हवाले से लिखा गया है कि कमलनाथ ने कहा था “जब हमने पहली बार भिंडरावाले का इंटरव्यू किया था तो वह ‘साहसी टाइप’ बिल्कुल नहीं लगा था, हां वह मजबूत लगा था और लगा था कि भिंडरावाले हमारा उद्देश्य पूरा करने में सही साबित होगा। हम उसे अक्सर अपने काम के लिए पैसे दिया करते थे, लेकिन हमने कभी यह नहीं सोचा था कि वह आतंकवादी बन जाएगा। मालूम हो कि “बियॉन्ड द लाइन” कुलदीप नैयर की आत्मकथा है।
इसके बाद भी लुटियंस जोन के वामी-कांगी पत्रकार कमलनाथ के खिलाफ कुछ बोलने को तैयार नहीं है। अगर यही पृष्ठभूमि किसी दूसरे विचारधारा वाले व्यक्ति की होती तो ये लोग झुंड में पत्रकारिता के सिद्धांत के साथ ही राजनीतिक नैतिकता का पाठ पढ़ाने निकल पड़ते।
प्वाइंट वाइज समझिए
रक्त रंजित कमलनाथ का हाथ
* सिखों के खून से सना है मध्य प्रदेश की कमान संभालने वाले कमलनाथ का हाथ
* कमलनाथ के खिलाफ देश विरोधी होने का दस्तावेज है मौजूद
* 84′ दंगा के दौरान रकाबगंज गुरुद्वारे पर हमला करने वालों का किया था नेतृत्व
* कमलनाथ के नेतृत्व में 4000 हमलावरों ने सिख बाप-बेटे को जिंदा जला दिया था
* गुरुद्वारा पर हमले के प्रत्यक्षदर्शी सूरी ने आयोग को बताया कमलनाथ का नाम
* कुलदीप नैयर की आत्मकथा “बियॉन्द द लाइन” में है कमलनाथ का दस्तावेज
* कमलनाथ का देश के दुश्मन आतंकवादी भिंडरावाले के साथ था संबंध
* कमलनाथ ने देश विरोधी गतिविधिया चलाने के लिए भिंडरावाले को दिया था पैसा
* किताब के हवाले से कमलनाथ ने खुद किया था भिंडरावाले को पैसे देने का खुलासा
* आतंकी भिंडरावाले से संबंध रखने वाले कमलनाथ एमपी की संभाल रहे हैं कमान
URL : leuteans journalis silence on Kamal Nath, the murderers of Sikhs!
Keyword : appointment of kamalnath, as a chief minister, exposing congress, left-liberal journalist, anti sikh face, कमलनाथ की ताजपोशी, वामी-कांगियों की खामोशी, सिख विरोधी