Archana Kumari. गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली के नाम पर जो कुछ दिल्ली में हुआ, वह प्रायोजित था। इसका खुलासा दिल्ली पुलिस कर चुकी है लेकिन इस साजिश में कौन-कौन लोग शामिल थे, इसका खुलासा किया जाना बाकी है।
इस बीच दिल्ली पुलिस ने टूलकिट मामले में गूगल से जवाब मांगा गया है। गूगल से कहा गया है कि टूलकिट अपलोड करने वाले अकाउंट की डिटेल जल्द मुहैया कराए।
उधर, लाल किला हिंसा मामले को लेकर दिल्ली पुलिस ने अपनी जांच तेज कर दी है और हिंसा को लेकर क्राइम ब्रांच की टीम ने दो दर्जन से ज्यादा आरोपियों की तस्वीर एक बार फिर जारी की हैं।
पुलिस का दावा है कि यह तस्वीरें पुलिस को विभिन्न लोगों व सोशल मीडिया के जरिए प्राप्त हुई हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वह आरोपियों की पहचान करने में मदद करें ताकि उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित की जा सके।
दिल्ली पुलिस सूत्रों का कहना है की तथाकथित किसान आंदोलन के बीच पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग , पोर्नस्टार मियां खलीफा तथा पॉप सिंगर रिहाना का इस आंदोलन मे समर्थन देना भारत विरोधी अंतरराष्ट्रीय साजिश है ।
इनमें पर्यावरणविद ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट में शामिल टूलकिट ने इस साजिश सेेे पर्दा हटा दिया। पुख्ता जानकारी है कि इस टूलकिट को कनाडा के पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन ने तैयार किया जबकि इस संस्था का संस्थापक एमओ धालीवाल भारत में खालिस्तानी आंदोलन को बढ़ावा देता रहा है।
दरअसल, पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनवर्ग ने बुधवार को एक ट्वीट किया था और इस ट्वीट में उन्होंने एक टूलकिट को शामिल किया था। इस टूलकिट में किसान आंदोलन से जुड़े ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रदर्शनों को लेकर एक एक्शन प्लान था ।
पहले डॉक्यूमेंट में ट्वीट्स के लिए लिंक शामिल था, जिसका इस्तेमाल लोग सोशल मीडिया पर कर सकते थे। इनमें कहा जा रहा था कि समूह इस दिन प्रदर्शन करेगा हालांकि, थनबर्ग ने बाद में इस डॉक्यूमेंट को डिलीट कर दिया था और बाद में इसे दोबारा अलग वर्जन के साथ पोस्ट किया था।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि पर्यावरणविद ग्रेटा थनबर्ग द्वारा किए गए ट्वीट को लेकर अपलोड किए गए टूलकिट के लेखक के बारे में जानने के लिए गूगल को नोटिस भेजा गया है।
गूगल से पूछा गया है कि यह दस्तावेज किस जगह से अपलोड किए गए हैं और कौन-कौन इसके पीछे शामिल रहा है। उसके बारे में जानकारी दिल्ली पुलिस के साथ सांझा की जाए।
पुलिस का कहना है कि गूगल से जवाब मिलने के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि यह डॉक्यूमेंट कहां से अपलोड हुए थे और कैसे सर्कुलेट हुए। इसके बाद पुलिस मुख्य आरोपी तक पहुंचने में कामयाब होगी।
इस बीच दिल्ली पुलिस का कहना है कि गणतंत्र दिवस के मौके पर हुई हिंसा को लेकर अब तक 45 केस दर्ज हो चुके हैं। इनमें से 14 मामलों की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है
जबकि अन्य मामलों की जांच जिन क्षेत्रों में घटनाएं हुई वहां की पुलिस करेगी । क्राइम ब्रांच द्वारा की जा रही जांच में लाल किला, मुकरबा चौक, गाजीपुर, आईटीओ, नांगलोई आदि जगह पर हुई हिंसा के मामले शामिल हैं।
दिल्ली पुलिस का स्पष्ट कहना है कि 26 जनवरी को हुए हिंसा के मामलों में जल्द ही किसान नेताओं को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। गणतंत्र दिवस के मौके पर आए 200 ट्रैक्टर के मालिकों को क्राइम ब्रांच नोटिस जारी कर चुकी है।
इसके अलावा 60 संदिग्धों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किए जा चुके हैं। एक हजार से ज्यादा फुटेज अभी तक पुलिस खंगाल चुकी है। हिंसा मामलों में अभी तक कुल 130 आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।
पुलिस सूत्रों की माने तो शनिवार को चक्का जाम को लेकर जबरदस्त सुरक्षा तैयारी की गई है और खुद पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव दिल्ली की सुरक्षा की मॉनिटरिंग कर रहे हैं, वैसेेे किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि दिल्ली में चक्का जाम नहींं होगा