अर्चना कुमारी। संसद सुरक्षा में सेंधमारी मामले में गिरफ्तार किये गये आरोपी भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद के नाम पर बने छह व्हाट्सएप ग्रुप का हिस्सा थे। इन व्हाट्सएप ग्रुप के अन्य सदस्य नियमित रूप से स्वतंत्रता सेनानियों के विचारों पर चर्चा करते थे और संबंधित वीडियो क्लिप भी साझा करते थे।
सूत्रों ने बताया कि पुलिस को ‘मेटा’ से इन व्हाट्सएप ग्रुप के सभी सदस्यों के साथ-साथ उनकी चैट का विवरण मिला है। सूत्रों के मुताबिक, आरोपी सुरक्षा में सेंध की योजना बनाने के लिए सिग्नल एप पर भी बात करते थे और पिछले साल कर्नाटक के मैसूर में मिले थे। खुलासा हुआ है मैसूर के रहने वाले मनोरंजन ने पांचों का यात्रा खर्च वहन किया था। पुलिस उन चार आरोपियों के फर्जी सिम कार्ड प्राप्त करने की कोशिश कर रही है जिनके मोबाइल फोन राजस्थान में ललित झा और महेश कुमावत द्वारा कथित तौर पर नष्ट कर दिए गए थे।
अब जांच टीम घटना से जुड़ी एक- एक कड़ियों को जोड़ने में जुटी है। इसके तहत जले हुए मोबाइल फोन की फोरसिंक रिपोर्ट आने तक पुलिस ने आरोपियों के सोशल एकाउंट खंगालने के लिए जहां मेटा को पत्र लिखा गया है। वहीं संसद भवन पहुंचकर क्राइम सीन का भी रिक्रिएशन किया गया है। घटना वाले दिन संसद की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मिंयों के बयान भी दर्ज किए जा रहे है।
आरोपियों से संबधित छह राज्यों में भेजी गई पुलिस टीमों ने घटना से जुड़े कई सबूत एकत्रित किए है और इसका अध्ययन जांच टीमे कर रही है। टीम ने संसद भवन के अंदर जाकर क्राइम सीन का रिक्रिएशन किया है। इस दौरान यह जानने की कोशिश की गई कि आरोपी कैसे चकमा देकर अंदर घुसे।
यह एक तफ्तीश का एक अहम हिस्सा है, जिसे केस के साक्ष्यों के रूप में शामिल जा सकता है। डीजी सीआरपीएफ की अध्यक्षता में बनी जांच कमेटी ने क्राइम सीन का रिक्रिएशन किया । जांच टीम में शामिल कर्मी आरोपी बनकर सीन को रिक्रियट किया। इस दौरान सुरक्षा चूक की घटना से जुड़े सभी बिंदुओं को परखा गया।
इसमें कैसे दोनो आरोपी दशर्क दीर्घा से कूदकर सदन में पहुंचे और फिर काबू किए गए थे। आरोपियों के संसद में एंट्री करते हुए किस तरीके से सुरक्षाकर्मी ने जांच की और वहां कौन कौन कर्मी मौजूद थे। इसके अलावा किस-किस कैमरे में आरोपी कैद हुए और आरोपियों की संसद में एंट्री से लेकर लोकसभा में कूदने और स्मोक केन से धुआं उड़ाने तक की टाइमिंग आदि भी नोट की गई। जो जांच में मदद करेगी।