दो दिनो से ज्योतिर्यादित्य सिंधिया के दो वीडियो वायरल हो रहे है। एक वीडियो अभी रविवार को मध्यप्रदेश में चुनावी सभा के दौरान का है जिसमें वो एनडीटीवी के रिपोर्टर को इंटरव्यू दे रहे हैं। रिपोर्टर उनसे कमलनाथ के बयान पर सफाई मांगता है लेकिन बड़ी चालाकी से वे कमलनाथ का बचाव करते दिखने का दिखावा करते हुए , उन्हें पूरे चुनाव का खलनायक साबित करने की जुगत में दिखते हैं। ठीक वैसे ही दूसरे पुराने वीडियो में रजत शर्मा के चर्चित शो ‘आपकी अदालत’ में वे राहुल गांधी पर सफाई देने का बहाना करते हुए राहुल को सार्वजनिक रुप से पप्पू साबित कर देते हैं। क्यों कर रहे हैं सिंधिया ऐसा! तब, जबकि कांग्रेस को 15 साल बाद मध्यप्रदेश में जीत की उम्मीद की किरण दिख रही है!
भारतीय संस्कृति में सारथी की बड़ी महत्ता है। महाभारत युद्ध में पांडव की जीत की एक मात्र गारंटी अर्जुन के रथ का सारथी कृष्ण को होना मात्र है। उस युद्ध को एकाग्रचित होकर सिर्फ बर्बरिक ने देखा था। वह मोक्ष पाने के लिए भगवान के हाथ मौत चाहता था। भगवान ने जब अपने सुदर्शन से उसका गला काट दिया तो उसने पूरा युद्ध देखने की इच्छा जाहिर की थी। तब कृष्ण ने उसके कटे सिर को पेड़ के उपरी डाल पर रख दिया ताकि वह ऊपरी छोड़ से पूरा युद्ध देख सके। युद्ध समाप्ति पर पांडवों की जिज्ञासा यह जानने की थी कि किसकी वीरता सर्वश्रेष्ठ मानी जाए। पांडवों ने बर्बरिक से पूछा कि पूरे युद्ध में तुम्हें सबसे वीर कौन नजर आया! वह हंसा। कहा .. “तुम सब युद्ध कहां लड़ रहे थे! युद्ध तो सिर्फ तुम्हारी तरफ से कृष्ण लड़ रहे थे। पूरे कुरुक्षेत्र के मैदान में प्रलय तो सिर्फ कृष्ण का सुदर्शन चक्र कर रहा था। तब पांडवों को जीत के असली प्रणेता का पता चला”। तभी से भारतीय संस्कृति में सारथी की महत्ता है।
अर्जुन का सारथी उसकी जीत की गारंटी था, भारत के अघोषित लोकतांत्रित राजपरिवार के राजकुमार के लिए भी कोई कृष्ण सरिखा सारथी इसीलिए ढ़ूंढा गया। वो कृष्ण सा सुंदर,सुशील और बुद्धिमान भी होना चाहिए था। इसके लिए माधव राव सिंधिया के पुत्र ज्योतिर्यादित्य से बेहतर कोई हो ही नहीं सकता था। लिहाजा तेज तर्तार ज्योतिर्यादित्य को राहुल गांधी का सारथी बना दिया गया। वे कई सालों से राहुल के साथ संसद से सड़क तक साये की तरह रहते हैं। अक्सर राहुल की कार वही चला कर संसद से बाहर निकलते देखे जाते हैं। सालो से राहुल का भरोसा जीते सिंधिया क्या अर्जुन के सारथी के उलट अपने पार्थ के वजूद को नष्ट करने की कोई बड़ी योजना बना रहे हैं!
सदन में जब राहुल प्रधानमंत्री मोदी की सीट पर जाकर उनसे गले मिले तो सिंधिया हमेशा की तरह सदन के अंदर राहुल के बगल वाली सीट पर बैठे थे। वे मोदी को गले लगा कर लौटने के बाद सिंधिया को ही आंख मार रहे थे जो सदन के कैमरे में कैद हुआ। फिर खबर की सुर्खियो में रहा। माना जा रहा है कि सिंधिया की सलाह पर ही राहुल मोदी से गले मिले जिसके कारण बाद में उपहास के पात्र बने थे। आंख मार कर राहुल ने संदेश दिया अपने सारथी को कि सब डिट्टो रहा न जैसा कि आपने सुझाया था!
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान एक वीडियो वायरल हुआ था। उसमे राहुल गांधी एक लेटर लिखने के लिए मोबाईल फोन से नकल मार रहे थे। यह वीडियो सोशल मीडिया पर खुब वायरल हुआ। सिंधिया रजत शर्मा के चर्चित शो आपकी अदालत में आए थे। रजत जी ने उनसे पूछा ,राहुल एक चिट्ठी तक लिखने के लिए नकल मारते हैं! आप साए की तरह साथ रहते हैं, उन्हे समझाते नहीं। सिंधिया जिद्द पर अड़ गए। यह कहते कि आप लोग मसाला बनाते हैं। ऐसा कभी नहीं हुआ बस वो मोबाइल सामने रखे थे। रजत शर्मा ने यह कहते कि हाथ कंगन को आरसी क्या…पूरा वीडियो दिखा दिया। जिससे साबित हुआ कि कैसे राहुल एक नादान बच्चे की तरह एक चिट्ठी लिखने के लिए नकल मार रहे थे। देश में जिसने भी राहुल की उस नादानी को नहीं देखा था उसने भी विस्तार से देखा। राहुल को सिंधिया ने मानो जान बुझकर देश के सामने पूरी तरह से उपहास का पात्र बना दिया।
रविवार को मध्यप्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान एनडीटीवी के रिपोर्टर ने सिंधिया से सवाल किया कि आपके साथी कमलनाथ का वीडियो वायरल हुआ है जिसमें में कह रहे हैं कि मुसलमान यदि 90 प्रतिशत वोट कर दे तो कांग्रेस की जीत और भाजपा की हार तय है। इस तरह की बात करना चुनाव में क्या सही है! सिंधिया सफाई देने के बदले रिपोर्टर को चुनौती देते है आप झूठ बोल रहे हैं। साबित कीजिए वर्ना गलती मानिए। रिपोर्टर बार बार कहता है मेरे पास वीडियो है। सिंधिया को पता था कि वह वीडियो रिपोर्टर को ही नहीं पूरे सोशल मीडिया पर है फिर भी वो जिद्द कर रहे थे की लाइव इंटरव्यू में उसे दिखाया जाए। अपने चैनल के विचारधारा के मुताबिक रिपोर्टर ने भरसक कोशिस की कि वीडियो लाइव न दिखाया जाए लेकिन सिंधिया जिद्द पर थे। तकनीकि असुविधा होते हुए भी रिपोर्टर को वह वीडियो दिखाना पड़ा। जिसमें बंद कमरे में कमलनाथ मुसलमानों को भड़का रहे थे। यह भी कह रहे थे कि यदि मुसलमानो ने 90 प्रतिशत मतदान कर दिया तो भाजपा की हार तय है। मुसलमानो को चाहिए कि वो कम से कम 90 प्रतिशत लोगों को बूथ तक लेकर आए। यह पूरी तरह से चुनाव अचार संहिता का उल्लंधन था। जिसका पर्दा सिंधिया ने हटा दिया।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के पास मुख्यमंत्री के तीन बड़े दाबेदार हैं। दिग्विजय सिंह,कमलनाथ और ज्योतिर्य़ादित्य सिंधिया। 15 साल से विजय रथ पर सवार शिवराज सिंह को परास्त करने के लिए पहले तीनो अंदरखाने एक दुसरे को परास्त करने में व्यस्त है। सिंधिया राहुल गांधी के सारथी हैं। साये की तरह साथ रहने वाले भी। लेकिन केंद्र में फिलहाल राहुल के भविष्य को भांप कर उनसे मुक्ति पाकर सिंधिया अपने गृह राज्य का मुखिया बनना चाहते हैं। राहुल की मध्यप्रदेश में पहली पसंद कमलनाथ हैं। सिंधिया को पता है की राहुल का सारथी बने रहने में भविष्य उज्जवल नहीं है। राजीव गांधी की हत्या के बाद ज्योतिर्यादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया कांग्रेस में सबसे लोकप्रिय नेता थे। हवाई दुर्धटना में उनकी मौत के बाद अफवाहों का बाजार गर्म था । सिंधिया के विशेष विमान की दुर्धटना संदेह के घेरे में था। आज भी वो रहस्य बना है। उस हादसे में कुछ पत्रकार और एक कैमरा मैन भी मारे गए थे। सत्ता हासिल करने के लिए राजनीति क्या नहीं कराती! विश्व के राजनीतिक इतिहास मे इसके उदाहरण पटे पड़े हैं। जिसके घुट्टि घुट्टि में राजनीति हो वो कैसे नादान हो सकता है! सवालों के जवाब में कोई कद्दावर नेता जब लाल बुझक्कर सवाल छोड़ता है तो लोकतंत्र में उसके बड़े मायने होते हैं!