अर्चना कुमारी। देशभर में त्यौहार पर विस्फोट की साजिश रचने वाले हमले के लिए आतंकियों को दो ग्रुपों में बांटा और दोनों ग्रुप का संचालन दाऊद इब्राहिम का भाई अनीस इब्राहिम आईएसआई के अधिकारियों के साथ मिलकर कर रहा है। दोनों ही ग्रुप भारत में मौजूद अपने-अपने स्लीपर सेल को सक्रिय कर देशभर में तबाही मचाना चाहते हैं और इसमें पढ़े लिखे लोगों की संख्या अधिक है।
दबोचे गए छह आतंकवादियों से महाराष्ट्र, गुजरात तथा उत्तर प्रदेश एटीएस पूछताछ करने दिल्ली पहुंच गई है जबकि विभिन्न सुरक्षा एजेंसियां लगातार आतंकियों से पूछताछ कर विभिन्न राज्यों में स्लीपर सेल को दबोचे जाने के लिए ऑपरेशन चला रही है। सूत्रों का कहना है कि आतंकियों के पास से बरामद हथियार व विस्फोटक उन्हें गत 9 अगस्त को ही पंजाब में मिले थे।
आतंकियों के पास से बरामद किए गए विस्फोटक ठीक उसी तरह के हैं, जिनसे कश्मीर में पिछले दिनों ड्रोन हमला किया गया था। आतंकी दिल्ली समेत देश के कुछ प्रमुख शहरों में ड्रोन से हमला करने की साजिश भी रच रहे थे। जिसके लिए तैयारी की जा रही थी। इसके अलावा उनके निशाने पर मुंबई की जान लोकल ट्रेन भी थी।
इस बीच स्पेशल सेल ने मंगलवार को गिरफ्तार किए गए छह संदिग्ध आतंकियों में से चार को गिरफ्तारी के बाद देर रात कोर्ट में पेश किया। जबकि अन्य दोनों को बुधवार सुबह कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट में पेशी के बाद सभी आतंकियों को 14 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। पुलिस सूत्रों का दावा है कि पकड़े गए आतंकियों में ओसामा और जीशान कमर ने पाकिस्तान में जाकर विस्फोटक बनाने से लेकर अन्य तरह की ट्रेनिंग ली थी।
पाकिस्तान से ट्रेनिंग लेकर लौटे जीशान ने एमबीए करने के बाद दुबई में बतौर अकाउंटेंट काम कर चुका है । लेकिन लॉकडाउन के दौरान वह भारत आकर ड्राईफ्रूट्स बेचने लगा। लखनऊ से गिरफ्तार आमिर, जीशान का रिश्तेदार है, जो मजहबी शिक्षा देते था और सउदी अरब में कई साल रह चुका था। जान मोहम्मद पेशे से एक ड्राइवर है और अनीस अब्राहम का खास है, मूलचंद उर्फ लाला एक किसान है और वह दाऊद इब्राहिम की डी-कंपनी के संपर्क में था।
आतंकी अबू बकर भी सउदी अरब में रह चुका है और भारत आने के बाद उसने देवबंद के मदरसे में शिक्षा ली। दिल्ली से पकड़ा गया ओसामा भी परिवार के साथ ड्राई फ्रूट का काम करता था और इस सिलसिले में कई बार मिडिल ईस्ट के देशों में जाया करता था। उसने भी पाकिस्तान जाकर ट्रेनिंग ली थी । शुरूआती जांच में ये बात सामने आई है कि देश के कुछ शहरों में अभी 15 से 20 आतंकी छुपे हो सकते हैं, जिनके पास बड़ी संख्या में हथियारों के साथ ही विस्फोटक हो सकते हैं। इस आशंका को देखते हुए पुलिस की कई टीमें देशभर के कई शहरों में दबिश दे रही है।