आईएसडी नेटवर्क। शनिवार को जब जैकलीन फर्नांडीज दिल्ली के पटियाला हॉउस कोर्ट में जमानत याचिका की सुनवाई पर पहुंचीं तो प्रवर्तन निदेशालय ने चौंकाने वाला खुलासा किया। ईडी ने सुनवाई के दौरान जैकलीन की अंतरिम जमानत का विरोध करते हुए कहा कि उन्होंने अपने मोबाइल से डाटा डिलीट किया था और देश छोड़कर भागने का प्रयास भी किया था। हालांकि जैकलीन की जमानत पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उन्हें आगामी 10 नवंबर तक राहत दे दी है।
शनिवार को जैकलीन दिल्ली के पटियाला कोर्ट में पहुंचीं तो वकीलों के गेटअप में नज़र आईं। इन दिनों पेशी पर जाते समय जैकलीन ऐसे ही गेटअप में दिखाई देती हैं, ताकि मीडिया की नज़रों से बच सके। उल्लेखनीय है कि श्रीलंकाई मूल की जैकलीन ठग सुकेश चंद्रशेखर से जुड़ी 200 करोड़ के ठगी मामले में चल रही ईडी जांच में सह आरोपी बनाई गईं हैं। इसी वर्ष इस प्रकरण में सह आरोपी बनाए जाने के बाद जैकलीन को आशंका थी कि उन्हें कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है।
पिछले 26 सितंबर को कोर्ट ने 50,000 के मुचलके पर जैकलीन को अंतरिम जमानत दे दी थी। जैकलीन अपनी गिरफ्तारी से बचने का पूरा प्रयास कर रही हैं। शनिवार को वे पटियाला हॉउस कोर्ट में वकीलों की टीम के साथ नज़र आईं। जैकलीन के वकीलों ने जब याचिका दायर की तो ईडी ने उसका विरोध किया। ईडी ने कहा कि यदि वें बाहर रहती हैं तो 200 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग के मामले को प्रभावित कर सकती हैं।
ईडी ने सुनवाई के दौरान चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि जैकलीन ने जाँच के दौरान ही कई सबूत मिटाने की कोशिश की थी। ईडी के अनुसार जैकलीन ने अपने मोबाइल से डाटा डिलीट किया था और देश छोड़कर फरार होने का प्रयास भी किया था। ईडी के अनुसार लुक आउट नोटिस जारी होने के कारण जैकलीन देश नहीं छोड़ पाईं। ईडी ने कहा है कि बाहर रहकर जैकलीन गवाहों और सबूतों को नुक़सान पहुंचा सकती हैं।
कोर्ट में जब ईडी ने ये खुलासे किये तो उस पर भी सवालिया निशान खड़े हो गए हैं। जब जैकलीन ने देश छोड़कर भागने का प्रयास किया तो उन पर कौनसी नई धारा लगाईं गई। फरार होने की कोशिश के बाद जैकलीन पर नए सिरे से आरोप लगाकर गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई। अब इस मामले की सुनवाई 10 नवंबर को होगी। तब तक जैकलीन राहत की सांस ले सकती हैं। यदि इस बीच वे फरार हो जाने में सफल रहती हैं तो इसका ज़िम्मेदार कौन होगा।