Movie Review: ये एक डल फिल्म है, जो दर्शक में कोई उत्साह नहीं जगाती
इस फिल्म की नींव ही मिस्कास्टिंग पर रख दी गई।
इस फिल्म की नींव ही मिस्कास्टिंग पर रख दी गई।
सलमान जैसे सितारों को तो कुछ फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन छोटे कलाकारों का क्या होगा।
स्टेट वर्सेज स्वप्ना के इस युद्ध में केंद्र का हस्तक्षेप अवश्यम्भावी हो गया है।
कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद बहुत सी बड़ी फिल्मों का प्रदर्शन टाल दिया गया है।
इस कालखंड फिल्म में हमें रामायण की झलक मिलने वाली है।
वे योद्धा हैं, जो वास्तविक जीवन में भी अन्याय के विरुद्ध तलवार खींच सकती हैं।
पीआर एजेंसियों के माध्यम से विज्ञापनों का ये घोटाला मजे में चल रहा है।
सन 2021 में डेनिम कुछ पुराने ट्रेंड के साथ वापस आ रहा है।
अघोषित परंपरा रही है कि यहाँ से सितारे को बेदखल किया जाता है, वह स्वयं नहीं हटता।
जांच होनी चाहिए कि ऐसी लचर टीम पर इतना पैसा कौन लगा रहा है? ये वह महत्वपूर्ण प्रश्न है जो…
एक समय था जब बॉलीवुड की फ़िल्में एक दिन में पचास करोड़ से अधिक की ओपनिंग लेती थी।
केंद्र सरकार के इस मंत्री ने ट्वीटर पर सैकड़ों लोगों के जवाब तक देना उचित नहीं समझा है।
नए अनुबंध न होने के कारण फिल्म स्टार विदेश जाकर सस्ते में शो करने के लिए भी तैयार हैं।
आज एकता हैं, तो कल कोई और देश विरोधी, धर्म का अपमान करने वाली फिल्म लेकर चला आएगा।
पद्मावती के अपमान पर न्यायोचित व्यवहार नहीं किया तो बेचारे कमाठीपुरा के लोगों की बात कौन सुनने वाला है।
उनके विज्ञापनों की कमाई पर तलवार लटकी हुई है। बुरी छवि के व्यक्ति को बाज़ार स्वीकार नहीं करता।
सूचना व प्रसारण मंत्रालय के दिशा-निर्देशों को न्यायालय की टिप्पणी ने लू लगा दी है।
आयकर विभाग के अधिकारियों ने अनुराग कश्यप, तापसी पन्नू और विकास बहल के कार्यालयों पर भी छापा मारा है।
हिन्दी बेल्ट का दर्शक फिल्म देखने नहीं जा रहा है। कोरोना इसका कारण होता तो दक्षिण भारत में फ़िल्में रिकार्ड नहीं तोड़ रही होती।
केंद्र ने कानून की जगह दिशा-निर्देश का झुनझुना हमें पकड़ा दिया है।