अर्चना कुमारी। वह प्रजाति इंसानों के लिए तो खतरा बनता ही जा रहा है अब बंदरों को भी अपने निशाने पर ले लिया है। उत्तराखंड के काशीपुर में बंदरों की मौत की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा ली है और पुलिस का दावा है कि आम बचाने के लिए बंदरों को जहर देकर मारा गया था। इस मामले में कुल 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया ।
इनके नाम जान मोहम्मद, इनामुद्दीन, छोटे खां, इमरान, अफजाल, अनवार, इकरार, नदीम और मुबारिक। उत्तराखंड पुलिस का कहना है कि लगभग 8 बंदरों के शव रविवार 18 जून 2023 को बगीचे में गई महिलाओं को मिले थे। इस घटना के बाद मौके पर काफी बंदर जमा हो गए थे जबकि स्थानीय लोगों की भीड़ जुट गई थी। काशीपुर के आईटीआई थाना क्षेत्र में इस बाबत मामला दर्ज हुआ था। जांच करवाएं में पता चला कि यहाँ दिल्ली के संदीप शर्मा का आम का एक बाग़ है।
2 साल पहले इस बाग़ की लीज संदीप ने बरेली जिले के जान मोहम्मद को दी थी। बताया जाता है कि बाग संचालक जान मोहम्मद फिलहाल काशीपुर के जैतपुरा फार्म में रहता है। उसने अपने साथ इस बाग के कामकाज के लिए इनामुद्दीन, छोटे खां, इमरान, अफ़ज़ाल, अनवार, इकरार, नदीम और मुबारिक को भी रखा । दावा किया गया है बाग को लीज पर लेने के बाद उन्हें धंधे में घाटा हो रहा था। इसकी वजह बंदरों द्वारा आम के बाग में किया जाने वाला उत्पात था।
आखिरकार बंदरों से छुटकारा पाने के लिए सभी मुस्लिम आरोपियों ने आम पर जहरीली दवाओं का छिड़काव कर दिया। इसके कारण 8 बंदरों की मौत हो गई। इसके बाद आरोपियों ने गड्ढा खोद आम के कैरेट में शव रख उसे पत्तों से ढक दिया। कस्बा के खुलासे के बारे में कहा जाता है कि जब बाग में कुछ महिलाएँ घास काटने आईं तो उन्हें बंदरों के शव पड़े मिले। कुछ ही देर में इसकी जानकारी आसपास के लोगों को हुई और वे मौके पर जमा हो गए।
लोगों ने घटना पर नाराजगी जताते हुए कड़ी कार्रवाई की माँग की। स्थानीय लोगों का कहना था कि बंदर हनुमान जी के प्रतीक होने के साथ-साथ मानव का पूर्वज रहा है और इसके बाद मामले की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुँच कर बंदरों के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इस बीच केस दर्ज कर जाँच शुरू की गई। पूछताछ के लिए बाग के ठेकेदार सहित उसके अन्य साथियों को बुलाया गया तो राज खुल गया।
पुलिस को आम के बाग में जहरीली दवाओं की बोतलें भी पड़ी मिली हैं जिन्हें कब्जे में ले लिया गया है। पकड़े गए आरोपियों ने कबूल किया है कि लोगों ने बंदर को जहर देकर मारा था क्योंकि वह आम की फसल को नुकसान पहुंचा रहे थे । इस खुलासे के बाद सभी आरोपियों को वन्य जीव क्रूरता अधिनियम वन्य जीव संरक्षण अधिनियम और IPC की धारा 295- A में चालान कर जेल भेज दिया है। बताया जा रहा है कि बाग के मालिक संदीप शर्मा का भी पुलिस एक्ट में चालान किया ।