आईएसडी नेटवर्क। अक्षय कुमार और पंकज त्रिपाठी अभिनीत ‘ओएमजी 2’ को लेकर विवाद गहरा गया है। फिल्म के कंटेंट की केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) जाँच कर रही है। ऐसी रिपोर्ट्स आ रही हैं कि फिल्म में समलैंगिकता वाला एंगल डालने की बात फ़र्ज़ी है। ‘आदिपुरुष’ वाली दुर्घटना घटने के बाद सेंसर बोर्ड सजगता से काम कर रहा है। फिल्म की कहानी को लेकर सोशल मीडिया पर बहुत सी जानकारी लीक हो गई है। ये जानकारियां यदि सत्य है तो अक्षय कुमार और पंकज त्रिपाठी को भविष्य में बहुत नुक़सान उठाना पड़ सकता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीबीएफसी को धार्मिक सामग्री वाली किसी भी फिल्म पर अत्यधिक सावधानी बरतने का निर्देश दिया गया है, खासकर ‘आदिपुरुष’ की असफलता के बाद सरकार आलोचनाओं से बचना चाहती है। विशेषज्ञों का एक पैनल स्थापित किया गया है कि ऐसी फिल्मों की सामग्री में कोई हानिकारक संदर्भ या दृश्य न छूटे। इसके अलावा, ज़ूमटीवी ने पुष्टि की है कि ‘ओएमजी 2’ में समलैंगिक एंगल की अफवाहें ‘पूरी तरह से बकवास’ हैं और इनमें कोई सच्चाई नहीं है। हालाँकि इस बात की पुष्टि अब तक नहीं हुई है कि फिल्म में किसी भी प्रकार का सेक्स एजुकेशन डाला गया है या नहीं।
हाल ही में रेडिट पोस्ट में ‘ओएमजी 2 की अफवाह वाली कहानी’ साझा की गई थी जिसमें लिखा था, ‘एक समलैंगिक लड़का जिसे कॉलेज में परेशान किये जाने के बाद आत्महत्या कर लेता है। इससे आहत होकर कॉलेज के प्रोफेसर (पंकज त्रिपाठी) ने यौन शिक्षा को अनिवार्य बनाने की कोशिश करता है ताकि छात्र सीख सकें और बदमाशी कम हो जाए। धार्मिक लोग इसे ‘ईश्वर की इच्छा के विरुद्ध’ कहकर इसका विरोध करते हैं। फिल्म की कहानी को लेकर फिल्म निर्माता, निर्देशक, अक्षय कुमार, सेंसर बोर्ड या सूचना व प्रसारण मंत्रालय की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। फिल्म को लेकर जो भी जानकारियां आ रही हैं, वह सूत्रों के माध्यम से आ रही है।
सवाल ये भी उठता है कि जिस गुपचुप ढंग से फिल्म को वापस लिया गया, इसका कारण ये तो नहीं कि फिल्म के कुछ हिस्सों को रीशूट कर फिर फिल्म दर्शकों के सामने लाने की योजना हो। फिल्म की रिलीज डेट 11 अगस्त तय की गई है। अब तक ऐसा कोई अपडेट नहीं है कि फिल्म की रिलीज डेट बदलने का विचार हो रहा हो। फिल्म की संभावित कहानी सामने आने के बाद सेंसर बोर्ड सचेत हो गया है। इसका आशय ये है कि फिल्म में कुछ तो आपत्तिजनक है। यदि न होता तो सेंसर बोर्ड को इसे रिव्यू कमिटी के पास भेजने की नौबत नहीं आती।
सारे मामले पर एक भी आधिकारिक बयान न आने का अर्थ है कि एक तरह से कहानी के विषय को कवर अप किया जा रहा है। फिल्म के निर्माताओं में विपुल शाह, अरुणा भाटिया, अश्विन वर्दे और राजेश बहल के नाम आ रहे हैं। अक्षय कुमार भी एक तरह से इस फिल्म के निर्माता हैं क्योकि अरुणा भाटिया उनकी माँ हैं। सूत्रों की मान भी लें कि फिल्म में समलैंगिकता को विषय नहीं बनाया गया है, फिर भी ऐसा संकेत मिलता है कि कहानी में कुछ न कुछ आपत्तिजनक अवश्य है। इस मामले पर सरकार का रुख ‘आदिपुरुष’ जैसा ही बना हुआ है। ‘ओएमजी 2’ पर इतना विवाद हो गया लेकिन अब तक सरकार की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है।