अर्चना कुमारी। जिस दिन मेवात में दंगा हुआ था, उस दिन वहां के पुलिस अधीक्षक वरुण सिंगला छुट्टी पर थे। बाद में भी उन्होंने कोई ऐसा ठोस उपाय नहीं किया जिससे हालात काबू में आ सके। अब हरियाणा सरकार ने उन्हें उनके पद से हटा दिया है। बताया जाता है कि दंगे के दौरान उपद्रवियों ने मंदिर को घेर लिया था और करीब 3000 लोग मंदिर के भीतर फस गए थे।
पुलिस कंट्रोल रूम को इसकी सूचना मिलने पर वहां आईपीएस अधिकारी ममता सिंह पहुंची थी ,जिन्होंने दावा किया है कि वह किसी तरह हिंदुओं को बचाने में सफल रही थी। हरियाणा में तैनात एडीजीपी ममता सिंह ने बताया कैसे मंदिर में फँसे हिंदुओं को बचाया गया। उनका कहना था कि हिंदुओं की जलाभिषेक यात्रा पर मुस्लिम भीड़ ने हमला किया था।
इस दौरान नल्हड़ महादेव मंदिर में हिंदुओं के बंधक बनने की सूचना मिली थी जिसके बाद वह दल बल समेत मौके पर पहुंची थी । अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) ममता सिंह बताती है कि उनकी अगुवाई में पुलिस ने हिंदू श्रद्धालुओं को बचाया गया । उन्होंने एक चैनल से बात करते हुए कहा कि उस समय के हालात बहुत बुरे थे लेकिन एक एक श्रद्धालु का सुरक्षित रेस्क्यू कराया गया । उस दिन की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि 35-36 साल के पुलिस करियर में ऐसे मौके कम ही आते हैं, जब आपका सामना इस तरह के हालात से होता है।
हालात पर काबू पाना, लोगों को भरोसा दिलाना और उन्हें सुरक्षित बाहर निकालकर ले जाने जैसी चुनौतियों से एक साथ जूझना पड़ता है।ममता सिंह ने कहा, जब मैं मंदिर पहुँची तो स्थिति बहुत खराब थी। ढाई-तीन हजार लोग फँसे थे। चारों तरफ से फायरिंग हो रही थी। हमारी फोर्स वहाँ मौजूद थी पर इतनी संख्या में नहीं थी कि इतने लार्ज स्केल पर जिस तरह से फायरिंग हो रही थी, उसमें घेराबंदी कर लोगों को सुरक्षित बाहर लेकर जा सके क्योंकि एग्जिट का एक ही तरफ से रास्ता था।
उनके अनुसार मंदिर में फँसे लोगों में महिलाएँ, छोटे बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल थे। पहाड़ी से फायरिंग हो रही थी। वे जानबूझकर उस हिस्से में फायरिंग कर रहे थे ,जिधर भीड़ होती थी ताकि नुकसान ज्यादा हो। अंधेरा होने के बाद भी फायरिंग नहीं रुकी तो हमें लगा कि स्थिति अब और खराब हो सकती है। फिर हमने टुकड़ियों में लोगों को निकालने का फैसला किया।
कवर फायर देते हुए लोगों को जब हम बाहर निकाल रहे थे तब भी फायरिंग हुई थी। किस्मत से वह फायर एक गाड़ी को लगी। फिर देर रात तक टुकड़ियों में लोगों को बाहर निकालने का सिलसिला चलता रहा।
ममता सिंह ने आगे बताया कि गाड़ियों में आग लगाए जाने के कारण और सीएनजी सिलिंडर में ब्लास्ट के कारण मंदिर के बाहर वाली सड़क से लोगों को ले जाना आसान नहीं था। इसलिए खेतों के रास्ते लोगों को बाहर निकालकर ले जाया गया।