अर्चना कुमारी। बजरंग दल के प्रदीप कुमार शर्मा छठा व्यक्ति है जो मेवात दंगे में मार दिए गए। इससे पहले अभिषेक राजपूत, शक्ति और नीरज नामक तीनों हिंदू मारे जा चुके हैं जबकि गुरसेवक सिख होमगार्ड जवान था और नीरज भी उसी के साथ काम करता था।इसी तरह गुरुग्राम में फैले हिंसा में मोहम्मद साद की मौत हो गई जो बिहार के सीतामढ़ी का रहने वाला था।
बताया जाता है कि हिन्दू जलाभिषेक यात्रा पर मुस्लिम भीड़ ने हमला किया था। इस हमले में 2 होमगार्ड सहित मिठाई बनाने वाले शक्ति सैनी और बजरंग दल के अभिषेक राजपूत की हत्या कर दी गई। अब प्रदीप शर्मा ने दम तोड़ दिया है । प्रदीप नल्हड मंदिर के पास हुए हमले में सुरक्षित बचा कर नूहं पुलिस लाइन तक लाए गए थे। उन्हें नूहं पुलिस लाइन से घर जाने के दौरान भीड़ ने घेर कर मार डाला। घटना के समय मौजूद कपिल त्यागी को भी इस हमले में काफी चोटें आईं हैं और उनका इलाज चल रहा है।
कपिल ने बताया कि वो और प्रदीप पुलिस द्वारा नल्हड मंदिर से नूहं की पुलिस लाइन लाए गए थे। रात में काफी देर तक पुलिस लाइन में रखने के बाद सुबह होने से पहले रात के लगभग 2 से 3 बजे के बीच पुलिस ने उन्हें गुरुग्राम तक छोड़ने की बात कह कर साथ चलने को कहा। कपिल की कार स्विफ्ट डिजायर को प्रदीप ही चला रहे थे। पीछे हिन्दू संगठनों से जुड़ीं 3 महिलाएँ भी बैठी थीं, जो इन दोनों के साथ अपने-अपने घरों के लिए रवाना की गईं थीं।
उनके वाहन के साथ हिन्दू संगठन से जुड़े लोगों की एक और अर्टिगा कार चल रही थी। इन वाहनों के आगे-आगे पुलिस की जिप्सी मौजूद थी। थोड़ी दूर जाने के बाद सोहना क्षेत्र में जिप्सी में मौजूद पुलिस वालों ने आगे रास्ता क्लियर होने की बात करते हुए हिन्दू संगठन के सदस्यों को बिना सुरक्षा के आगे जाने के लिए कहा। कपिल के मुताबिक वो चाहते थे कि पुलिस और आगे तक उनके साथ चले लेकिन जवाब में उन्हें सीमा क्षेत्र का हवाला दिया गया।कपिल त्यागी का दावा है कि जिस सड़क से उन्हें जाना था, वो काफी सुनसान थी।
पुलिस के बिना वो थोड़ी ही दूर चले थे कि एक अपरिचित स्कॉर्पिओ तेजी से उनके आगे से निकली। जब उनकी गाड़ी 2 से 3 किलोमीटर और आगे बढ़ी तभी सड़क के दोनों तरफ मुस्लिमों की भीड़ दिखाई पड़ी। लगभग 300 की संख्या में इस भीड़ में बच्चे से लेकर बूढ़े तक मौजूद थे। भीड़ ने कपिल की कार को घेर लिया और पत्थरबाजी करने लगी। पत्थरबाजी में कार के शीशे टूट गए। पीछे बैठी महिलाओं को भी चोटें आईं। इस बीच एक पत्थर कार चला रहे प्रदीप कुमार के सिर पर लगा और वो अचेत हो गए।
उन्होंने महिलाओं को कार से उतर कर भागने को कहा। इस बीच वो खुद ही भीड़ के सामने आ गए। भीड़ में कुछ लोग उन्हें घसीटने लगे और कुछ लोग कार में मौजूद अचेत प्रदीप कुमार को बाहर खींचने लगे। इसी बीच कपिल की गाड़ी के साथ चल रही हिन्दू संगठन की एक अन्य अर्टिगा पर भी पत्थर चले लेकिन वो भीड़ से जैसे-तैसे निकल कर आगे चली गई।कपिल का कहना है कि निकल कर आगे चली गई इसी अर्टिगा ने थोड़ी दूर पर चौराहे पर मौजूद पुलिस वालों को पीछे हो रहे हमले की जानकारी दी।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस टीम वहाँ पहुँची, जिसे देख कर भीड़ तितर-बितर हुई। पुलिस टीम ने ही कपिल को भीड़ के चंगुल से बचाया और आस-पास छिपी महिलाएँ भी तब बच पाईं। कपिल का आरोप है कि हिंसक मुस्लिम भीड़ अपने साथ जाते-जाते उनके साथी प्रदीप कुमार को भी घसीट ले गई। बाद में अस्पताल में उनकी मौत की खबर मिली, प्रदीप कुमार का इलाज दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में चल रहा था। मृतक प्रदीप कुमार गुरुग्राम में बजरंग दल के पदाधिकारी थे। वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जिला बागपत के रहने वाले बताए जा रहे हैं।