अर्चना कुमारी दिल्ली में रहने वाले पाक हिंदू शरणार्थियों ने होली और दीवाली साथ मनाया। इन लोगो का कहना है कि अब आखिरकार वे एक सुरक्षित भविष्य की उम्मीद कर सकते हैं क्योंकि सरकार ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के कार्यान्वयन के लिए नियमों को अधिसूचित कर दिया है।
उनका दावा है कि वे भारत आने के बाद से मजनू-का-टीला क्षेत्र में कच्चे घरों में रह रहे हैं, मिट्टी और ईंट के चूल्हे पर खाना बना रहे हैं और शौच के लिए तंबू का उपयोग कर रहे हैं।
मजनू-का-टीला क्षेत्र में पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी समुदाय के धर्मवीर सोलंकी ने कहा, ’मैं 2011 में पाकिस्तान से भारत आया था और तब से हमें यहां बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिली हैं, चाहे वह पानी, बिजली या रसोई गैस हो।’
कई और लोगो ने कहा ’हमें अब पानी की आपूर्ति हो रही है, लेकिन एक समय था जब इस शिविर में लोगों को कम से कम चार साल तक पानी नहीं मिलता था।
शरणार्थी पास के इलाकों से पानी लाते थे।’ उन्होंने कहा, ’अब हमें उम्मीद है कि हमारी सभी समस्याओं का हल हो जाएगा, जिसके लिए नागरिकता प्राप्त करना पहला कदम है।
’ज्ञात हो केंद्र ने सोमवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के क्रियान्वयन के लिए नियमों को अधिसूचित कर दिया। यह कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारत की नागरिकता प्रदान करने की अनुमति देता है।